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दैनिक भास्कर पर आयकर विभाग के छापे, अख़बार ने कहा- सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार

आयकर विभाग ने गुरुवार सुबह भारत के प्रमुख मीडिया समूह दैनिक भास्कर के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. दैनिक भास्कर हिन्दी के प्रमुख समाचारपत्रों में से एक है.

सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज़) की प्रवक्ता सुरभि आहलूवालिया ने दैनिक भास्कर के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई की पुष्टि की है.

हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया है कि भास्कर के ठिकानों पर ये कार्रवाई क्यों की जा रही है. इस छापे को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि एजेंसियाँ अपना काम कर रही हैं और सरकार इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करती है.

आयकर विभाग की कई टीमों ने दैनिक भास्कर के अलग-अलग राज्यों में स्थित दफ्तरों पर एक साथ छापेमारी की कार्रवाई की है. भास्कर के भोपाल स्थित मुख्यालय और प्रबंधकों के घर भी टीमें पहुंची हैं.

दैनिक भास्कर के कर्मचारियों के मुताबिक, “दफ्तरों में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल ज़ब्त किए गए हैं और उन्हें दफ़्तर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है.”
दैनिक भास्कर के नेशनल एडिटर लक्ष्मी प्रसाद पंत ने  बताया, “हमने आईटी टीम से कार्रवाई के बारे में पूछा है लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई है.”
पंत कहते हैं, “मैंने स्वयं तीन बार अधिकारियों से कार्रवाई के बारे में पूछा लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई.”
दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है- सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार, गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़ें देश के सामने रखने वाले भास्कर समूह पर सरकार की दबिश.
क्या दैनिक भास्कर को उसकी पत्रकारिता के लिए निशाना बनाया गया है, इस सवाल पर पंत कहते हैं, “हमने हर राज्य में सच को प्रकाशित किया है, सरकारें इससे असहज भी हुई हैं. फिर चाहें वो राजस्थान हो, मध्य प्रदेश हो, गुजरात हो या बिहार हो. हमने ये नहीं देखा कि सत्ता में सरकार किसकी है.”

पंत कहते हैं कि दैनिक भास्कर जो काम कर रहा है, करता रहेगा.

भारत समाचार पर भी छापा

रिपोर्टों के मुताबिक़ दैनिक भास्कर समूह के दफ्तरों पर कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय की टीमें भी शामिल हैं. भास्कर के एक कर्मचारी ने बताया, “हो सकता है कि ईडी की टीमें भी हों, हमें ऐसा लगा है लेकिन इस बारे में अभी कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.”
दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में कहा है, “दूसरी लहर के दौरान 6 महीने तक भास्कर ने देश और कोरोना प्रभावित प्रमुख राज्यों में असल हालात को पूरे दमखम के साथ देश के सामने रखा है. गंगा में लाशें बहाए जाने का मामला हो या फिर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का खेल, भास्कर ने निडर पत्रकारिता दिखाई और जनता के सामने सच ही रखा.”
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वहीं उत्तर प्रदेश से संचालित समाचार चैनल भारत समाचार के दफ़्तर और संपादक ब्रजेश मिश्रा के घर पर भी इनकम टैक्स की छापेमारी की रिपोर्ट है. इस संबंध में आयकर विभाग ने कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी है.
लेकिन भारत समाचार ने अपनी रिपोर्टों में कहा है कि आयकर विभाग के कई दल संस्थान और उसके कर्मचारियों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं.

मीडिया समूहों के दफ्तर पर छापेमारी के विरोध में संसद में भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया है जिसकी वजह से संसद की कार्यवाही प्रभावित हुई है.

प्रेस की आज़ादी पर हमला’

वहीं विपक्ष के नेता इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बता रहे हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, “दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है. उनका संदेश साफ़ है- जो भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं।ऐसी सोच बेहद ख़तरनाक है।सभी को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए. ये छापे तुरंत बंद किए जायें और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए.”

दैनिक भास्कर ने एक ट्वीट में कहा है, “मैं स्वतंत्र हूं, क्योंकि मैं भास्कर हूं, भास्कर में चलेगी सिर्फ पाठकों की मर्जी.” अरविंद केजरीवाल ने इस ट्वीट को रिट्वीट किया है.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने एक ट्वीट में कहा है- सच को देश भर में निर्भीकता से उजागर कर रहे दैनिक भास्कर मीडिया समूह को दबाने का काम शुरू हो गया है? अपने विरोधियों को दबाने के लिए, सच को सामने आने से रोकने के लिये ईडी ,आईटी व अन्य एजेंसियो का दुरुपयोग यह सरकार शुरू से ही करती रही है और यह काम आज भी जारी है.

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर जारी एक बयान में आयकर विभाग की कार्रवाई को मीडिया को दबाने का प्रयास बताया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्विटर पर कहा, “पत्रकारों और मीडिया घरानों पर हमला लोकतंत्र को कुचलने का एक और क्रूर प्रयास है. दैनिक भास्कर ने बहादुरी से रिपोर्ट किया है कि कैसे मोदी सरकार की लापरवाही से कोरोना के दौरान देश को भयानक दिन देखने पड़े.”

 

 

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