इसलिए दिया था श्रेय….?: आरएएस में चयन होते ही हरिश ने लिखा मुझे अंकल के रूप में भगवान जैसा व्यक्ति व मिला, प्रधानाचार्य का प्रेम व मार्गदर्शन सदा रहे, दोनों को एसीबी ने पकड़ा
बाड़मेर. आरएएस इंटरव्यू में अच्छे अंक दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपए लेने का मामला प्रकाश में आया हैं। एसीबी की टीम ने कार्यवाही करते हुए तीन जनों को पकड़ते हुए आरएएस इंटरव्यू के लिए दी गई राशि को भी जब्त कर लिया। राशि लेने में जोधपुर के दलाल किशनाराम का नाम सामने आया हंै। बताया जा रहा है कि बाड़मेर के निजी स्कूल संचालक ठाकराराम व राजकीय स्कूल के प्रिंसिपल जोगाराम ने अपने ही परिवार के हरीश को आरएएस 2018 में 70 से अधिक अंक दिलाने के लिए पैसे दिए थे। हरीश को जब 54 अंक आए तो ठकराराम और जोगाराम जोधपुर पहुंच गए। बुधवार शाम उन्होंने किशनाराम से रिश्वत की रकम वापस ली और बाड़मेर की ओर चल दिए। इसी दौरान एसीबी ने पकड़ लिया। गाड़ी से बरामद 20 लाख कैश के बारे में पूछताछ हुई तो पूरा मामला खुल गया।
166 वीं रैंक से हुआ था चयन, तब हरिश ने लिखा मुझे अंकल के रूप में भगवान मिले
आरएएस का परिणाम आने पर हरीश का 166 वीं रैंक से चयन हुआ था। हरिश ने सोशल मीडिया एंकाउट पर एक पोस्ट भी लिखी। जिसमें आरएएस में चयन का सबसे अहम श्रेय व योगदान ठाकराराम का बताया। लिखा कि ठाकराराम सारण जो भगवान का आशीर्वाद ही था कि मुझे अंकल के रूप में भगवान जैसा व्यक्ति मिला, आपके बिना मैं कुछ नहीं। साथ ही पकड़े गए जोगाराम सारण प्रधानाचार्य के बारें में लिखा कि सर आपके मार्गदर्शन, प्रेम, सदैव साथ का हमेशा आभारी रहूंगा।