बिजली कनेक्शन करने की एवज में ली रिश्वत, अधीक्षण अभियन्ता CS मीणा को एसीबी ने लिया हिरासत में
जालोर। जालोर ACB प्रदेशभर में इन दिनों भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की लगातार कार्रवाइयां देखने को मिल रही हैं। आज जालोर जिला मुख्यालय पर जालोर एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विद्युत विभाग के घूसखोर सुप्रिडेंट इंजीनियर चतरसिंह मीणा व उसके दलाल ठेकेदार कांतिलाल माली को 30 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया हैं। जालोर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीरसिंह राणावत ने बताया कि परिवादी अमराराम व सह परिवादी जितेंद्र कुमार ने जालोर एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनके धड़ला पावटी जालोर में सीमेंट ब्रिक्स इंटरलॉकिंग की फैक्ट्री स्थित हैं। इस फैक्ट्री में 15 एचपी एसटीपी कनेक्शन के लिए जालोर डिस्कॉम में फाइल लगी हुई हैं। जिसके सम्बन्ध में परिवादियों ने 20 जुलाई को डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता चतरसिंह मीणा से मुलाकात की तो उसने कनेक्शन का एलटी मीटरिंग आदेश जारी करने की एवज में 30 हज़ार रुपये रिश्वत की मांग की। इस रिश्वत राशि को मध्यस्थता कर रहे ठेकेदार कांतिलाल के जरिए देने की बात कही गई। जिस पर एसीबी टीम ने पूरे मामले का सत्यापन करवाया और सत्यापन में रिश्वत की मांग की पुष्टि होने के बाद आज 3 अगस्त को यह राशि ठेकेदार कांतिलाल को जालोर कोर्ट परिसर में देना तय हुआ। जिस पर आज उक्त रिश्वत राशि लेते ठेकेदार कांतिलाल माली को जालोर कोर्ट परिसर से ही गिरफ्तार किया गया। उसके बाद एसीबी टीम उसे लेकर डिस्कॉम के एस.ई चतरसिंह मीणा के सरकारी आवास पहुंची।
जालोर ACB एसीबी टीम को देखकर एस.ई मीणा ने घर का दरवाजा कर दिया बन्द
जालोर एसीबी की टीम जैसे ही सह-आरोपी ठेकेदार को लेकर मुख्य मुख्य आरोपी चतरसिंह मीणा के सरकारी आवास पर पहुंची तो आरोपी चतरसिंह ने अपने आवास का मुख्य दरवाजा बन्द कर दिया। जिसे खुलवाने के लिए एसीबी टीम को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। आखिरकार एसीबी ने दरवाजा खुलवाकर मुख्य आरोपी को हिरासत में लेकर जालोर कोतवाली थाने लाया गया। जहां दोनो आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही हैं।
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