राजस्थान में मानसून सक्रिय हो चुका है है। 35% से अधिक क्षेत्र में मानसून सक्रिय ; लेकिन मौसम विभाग के अनुमान के मुकाबले यह सामान्य से कम है।
राजस्थान में मानसून सक्रिय हो चुका है है। 35% से अधिक क्षेत्र में मानसून सक्रिय हो गया है। पिछले 24 घंटे में मानसूनी बारिश के कारण जगह-जगह बिजली गिरने से चार लोगों की मौत हो चुकी है। पाली, चित्तौड़गढ़ में 1-1 और बारां में 2 लोगों की मौत हो गई है। सड़कों और खेतों में पानी भर गया है।
इसके साथ ही, पूर्व-मानसून और बिपरज्य चक्रवात से बारिश का 28% कोटा पहले ही पूरा हो गया है। मौसम केन्द्र नई दिल्ली ने इस मौसम में सामान्य से 4-5% कम बारिश का अनुमान लगाया था, लेकिन शुरुआती आंकड़े इस बार पूर्वानुमान से अधिक बारिश को दर्शा रहे हैं।
मौसम केन्द्र नई दिल्ली द्वारा जारी मौसमी पूर्वानुमान में बारिश की कमी का अनुमान था। इसके पीछे बड़ा कारण मानसून जुलाई तक पश्चिमी प्रशांत महासागर में अल नीनो की कंडीशन का बनना माना जाता है।
राजस्थान में 165 लाख हेक्टेयर भूमि पर कृषि होती है। मानसून इसके लिए महत्वपूर्ण है। इसका प्रमाण इसी बात से पता चलता है कि इस सीजन में पूरे राज्य में 165 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलें बोई जाती हैं। चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का के अलावा मूंग, मोंठ, उड़द, चौला, मूंगफली, सोयाबीन, कपास और ग्वार की बुवाई होती है, जबकि रबी मौसम में 100 से 110 लाख हेक्टेयर पर ही फसलें बोई जाती हैं।
जयपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर जैसे कई शहरों को पीने के पानी की सप्लाई करती है मानसून बारिश। अगर किसी सीजन में बारिश कम होती है तो बीलसपुर, जवाई बांधों में पानी का स्त्रोत कम हो जाता है। इसके कारण चार जिलों के एक करोड़ के आबादी को पानी की समस्या से निपटना पड़ता है। अगर बरसात नहीं होती है और जवाई बांध खाली होते हैं, तो पाली और उसके आसपास के इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए ट्रेनों का सहारा लिया जाता है।
अब तक राजस्थान में मानसून सीजन (जून से सितंबर तक) में 116.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है। आमतौर पर, राजस्थान में इस समय औसतन 414.5 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन इस बार यह संख्या काफी कम है। अगर हम महीनों के आदर्श वर्षा देखें, तो जून में औसतन 50 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन इस बार वर्षा की मात्रा 211 प्रतिशत अधिक है।
जिले के अनुसार वर्षा की स्थिति देखें, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा, धौलपुर, झालावाड़ और प्रतापगढ़ जिलों में वर्षा सामान्य से कम हुई है। सबसे अधिक वर्षा सिरोही में 486 मिलीमीटर हुई है।
जयपुर मौसम केंद्र ने 26 से 28 जून तक राजस्थान में अच्छी वर्षा की संभावना बताई है। दक्षिणी राजस्थान के 8 जिलों में भारी वर्षा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, नागौर, पाली और श्रीगंगानगर शामिल हैं।
पश्चिमी राजस्थान के अलावा, बाकी जिलों में 26 से 28 जून तक अच्छी वर्षा की संभावना है।
सूरजकुंड में बारिश में फंसे 50 टूरिस्ट
की बात करें, तो यह एक आपदा की तरफ बढ़ गई है। बारिश ने 50 से अधिक श्रद्धालुओं को जानलेवा हालात में डाल दिया है। वे सभी कुंभलगढ़ (राजसमंद) क्षेत्र के सूरजकुंड धाम के दर्शन करने के बाद वापस जा रहे थे। भारी बारिश के कारण नाला उफन गया और उनमें से कुछ श्रद्धालुओं को फंसना पड़ गया। यह समाचार गांवों तक पहुंच गया और गांव वालों ने पेड़ से रस्सी बांधकर एक-एक कर श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया।
पाली में बिजली गिरने से एक किसान की मौत
हो गई है। इस दुखद समय में, रविवार शाम को बरसात के दौरान, दिनेश (21) पन्नालाल चौधरी जी को बिजली लग गई और उनकी मौत हो गई। वे अपने परिवार के साथ खेत में काम कर रहे थे। जब उन्हें बीज लेने के लिए खेत में जाना था, तभी एक बिजली कर उन पर गिर गई। उनके परिवार ने उन्हें तत्काल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इसी समय, पाली के सादड़ी में रविवार शाम को बारिश हुई। रणकपुर अरावली पर्वतमाला में बादल छाए और बिजली चमकी। बादलों की गहराई के साथ ही साथ वर्षा की गरज भी शुरू हो गई। नाड़ोल, मादा, सुथारों का गुडा में शाम 4 बजे के बाद बारिश हुई। मादा गांव में हरियाला बाग में एक नीम के पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी। इससे नीम का एक पेड़ टूटकर गिर गया है। धनुर्वादी तरीके से, किसी भी प्रकार का हताहत नहीं हुआ।