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जालोर :पतियों को खो चुकी महिलाएं रातभर रोती रही, बोली: ठेेकेदार ने चाय पीने के लिए बाहर नहीं आने दिया, इसलिए आंखों के सामने 5 जनों की मौत हो गई

– जालोर शहर से 5 किमी दूर भागली सरहद में हुआ हादसा, बांरा के 3 व जालोर के 2 जनों की हुई मौत

जालोर. जालोर शहर से करीब 5 किमी दूर भागली सिंधलान सरहद में निर्माणाधीन ग्रेनाइट फैक्ट्री का हौद खोदते समय दीवार व मिट्टी ढह गई। इसके नीचे दबने से पांच लोगों की मौत हो गई। इनमें चार मजदूर और एक मजदूर की 3 वर्षीय मासूम बच्ची भी है। मृतकों में 3 बारां और 2 जालोर जिले के हैं। हादसा शुक्रवार शाम करीब 4.30 बजे हुआ। आसपास मौजूद लोगों ने करीब 5 फीट मिट्टी के नीचे दबे मजदूरों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया, तब तक सभी मजूदरों की मौत हो चुकी थी। करीब 10 मजदूर हौद खोदने का कार्य कर रहे थे। शाम के समय चाय पीने के लिए बैठे ही थे, तभी अचानक हौद के एक किनारे से दीवार व मिट्टी ढहने से 5 लोग उसके नीचे दब गए। करीब 20 मिनट तक मिट्टी के नीचे दबे रहने से सभी की मौत हो गई।

इन पांच जनों की हुई मौत
IMG 20210821 103523 जालोर :पतियों को खो चुकी महिलाएं रातभर रोती रही, बोली: ठेेकेदार ने चाय पीने के लिए बाहर नहीं आने दिया, इसलिए आंखों के सामने 5 जनों की मौत हो गई jalore news

मृतकों में 3 बांरा जिले एवं 2 जालोर के ही हैं। हादसे में बांरा जिले के साहाबाद थाना क्षेत्र के खरौली निवासी सुरमसिंह (27) पुत्र नंदलाल आदीवासी, उनकी बेटी अनुष्का(03), बांरा जिले के साहाबाद के बीलखेड़ा निवासी जानकीलाल(26) पुत्र तेजाराम आदीवासी, जालोर के धवला रोड काकरी ढाणी निवासी विक्रम कुमार (22) पुत्र हीराराम भील व रेवत निवासी दिनेश कुमार (21) पुत्र लूंकाराम भील की मौत हो गई।

रातभर अस्पताल में रोती रही महिलाएं

हादसे में अपना पति और बच्ची गंवा देने वाली कमलेश और एक महिला मजदूर ममता रातभर अस्पताल में रोती रही। हालांकि महिला पुलिसकर्मी बार-बार महिलाओं को शांत कर रही थी, लेकिन दोनों महिलाएं अपने पति को खोने का गम नहीं भूल पा रही थी। रोते हुए महिलाएं ठेकेदार व मालिक पर लापरवाही का आरोप भी लगा रही थी। महिलाओं ने बताया कि चाय आई तब हमने कहा था कि बाहर आकर पी लेते हैं तो ठेकेदार मुकेश ने यह कहकर मना कर दिया कि बाहर आए तो टाइम खराब होगा।

गनीमत रही कि 5 मजदूर हौद के दूसरे किनारे पर 10 फीट दूर चाय पी रहे थे, इसलिए बच गए

शाम 4.30 बजे हादसे के दौरान हौद के भीतर 9 मजदूर थे। जब चाय आई तो इनमें से पांच मजदूर हौद में करीब 10 फीट दूर बैठक कर चाय पीने लगे। इस दौरान एक किनारे से मिट्टी ढहने से चारों मजदूर और बच्ची दब गए।

इन दो लापरवाहियों ने ली पांचों की जान
1. इंतजाम नहीं थे: फैक्ट्री सीकर निवासी भंवरलाल शर्मा की है। खुदाई के दौरान कोई भी पुख्ता प्रबंध नहीं किए हुए थे। रेवत निवासी मृतक दिनेश के भाई सुजाराम पुत्र लूंकाराम भील ने भी फैक्ट्री मालिक भंवरलाल शर्मा के खिलाफ लापरवाही बरतने का मामला दर्ज करवाया है।
2. देरी से रेस्क्यू: घटना के बाद बाकी मजदूरों के चिल्लाने पर आसपास की ग्रेनाइट फैक्ट्री के लोग पहुंचे और जेसीबी की मदद से बाहर निकालने को लेकर रेस्क्यू शुरू किया। करीब 20 मिनट दबे रहने से सभी जनों की मौके पर मौत हो गई। अस्पताल में मृत घोषित कर दिया।

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