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सिरोही में बन रहे एनीकट का प्रभाव होगा जालोर में, अगर बन गया तो सैकडों गांवों में आ जायेगा पेयजल संकट

– जोयला में निर्माण हो रहा हैं एनीकट, 2 लाख से अधिक लोगों पर होगा सीधा प्रभाव

जालोर. सिरोही जिले में बन रहा एनीकट जालोर जिलेवासियों के लिए चिंता बढा रहा हैं। सिरोही के केवल दो गांवों को फायदा पहुंचाने को लेकर राज्य सरकार ने 24 करोड का बजट जारी कर एनीकट की स्वीकृत दी हैं। जबकि इस एनीकट से सीधा प्रभाव जालोर के दो लाख लोगों पर पडंेगा। क्यांेकि सिरोही जिले की सीमा में जोयला गांव के पास सुकड़ी नदी पर बनने से जिले में चलने वाले जवाई नदी में आने वाला सुकड़ी नदी का बहाव रुक जाएगा। इसका असर जालोर जिले के 242 गांवों पर रहेगा जो इन गांवों में पेयजल संकट और कृषि कुओं के जल स्तर पर पडेगा।

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बड़ा सवाल: सिरोही के 2 गांवों के 45 कुओं के लिए पूरे जालोर की पेयजल और सिंचाई व्यवस्था दांव पर क्यों?

सिरोही जिले के जोयला में एनीकट बनने से जोयला व एक अन्य मात्र इन दो गांवों के 45 कुओं का जलस्तर बढ़ाने के लिए 24 करोड़ 64 लाख रुपए बजट स्वीकृत करवाया गया है। इस एनीकट के निर्माण से जवाई सुकड़ी नदी किनारे बसे जालोर जिले के 242 गांवों के लोगों पर सीधा असर पड़ेगा। इन गांवों के जवाई व सुकड़ी नदी किनारे स्थित करीब 16 हजार 297 कुओं व जलदाय विभाग के ट्यूबवेल का जलस्तर प्रभावित होगा। कृषि योग्य करीब 2 लाख 70 हजार 585 हैक्टेयर भूमि पर होने वाली खेती बाड़ी पर भी संकट पैदा हो जायेगा।

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2007 में नदी क्षेत्र में बने एनीकट का संभाग स्तर पर हुआ था प्रदर्शन
सिरोही जिले में पंचदेवल,मोछाल गांव में 2007 के दौरान एक एनीकट बनाकर कम कर दिया। जिससे जवाई नदी का बहाव और भी घट गया हं। हालांकि वर्ष 2007 में पाली, जालोर व सिरोही जिले के किसानों ने सुकड़ी नदी के बहाव क्षेत्र में बनवाए गए एनीकट का संभाग स्तर तक विरोध किया था। तब तत्कालीन संभागीय आयुक्त किरण सोनी गुप्ता तथा पाली एवं जालोर जिले के जिला प्रशासन ने किसानों को ठोस आश्वासन दिया था कि आज के बाद इस सुकड़ी नदी के प्राकृतिक बहाव के साथ किसी भी तरह की छेडछाड़ नही की जायेगी।

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आहोर के जनप्रतिनिधि केवल आगे आये,बाकि नेता गहरी नींद में
अगर यह एनीकट बन जाता हैं तो केवल आहोर हीं नहीं इसका असर जालोर, सायला, बागोडा के साथ-साथ चितलवाना गांवों में भी असर पडेगा। क्योंकि जवाई नदी का पानी वहां तक भी जाता हैं। अगर एनीकट बन गया तो सुकडी नदी का पानी इसमें नहीं आने से बहाव कम हो जायेगा। हालांकि जिले के राजनेता भी अब तक इस पर चुप बैठे हैं, केवल आहोर क्षेत्र को छोडकर। आहोर के विधायक छगनसिंह राजपुरोहित समेत सरपंच गांवों में बैठक कर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ कलेक्टर से भी मिलकर विरोध जताया हैं।

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