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हवाई पट्टी पर ही उतरें राजनाथ व गडकरी : वायुसेना ने पहले जगुआर व फिर सुखोई को उतारकर दुश्मनों को दिखाई अपनी ताकत

– अगड़ावा में बनी हवाई पट्टी, तीन केन्द्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में हुआ लोकार्पण

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जालोर.
जालोर-बाड़मेर की सीमा पर बनी इमरजेंसी फील्ड लैंडिग स्ट्रिप का गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया। राजनाथ सिंह व गडकरी दोनों सेना के सुपर करकुलिस प्लेन से हाईवे पर बनी अगड़वा सरहद में हवाई पट्टी पर ही सुबह 11 बजे के करीब लैंडिग की। जिसके बाद पट्टी का निरीक्षण करते हुए लोकार्पण किया गया। उसके बाद दोनों मंत्री वहां पर बने डेम में बैठ गए। उसके कुछ ही पलों के बाद वायुसेना ने हवाई पट्टी पर अभ्यास को लेकर फाइटर जेट की लैडिंग करनी शुरू की।  वायुसेना ने स्थित हवाई पट्टी पर जगुआर, सुखोई व मिग जैसे कई फाइटर प्लेन उतारें। दोनों मंत्र्त्रियों ने एयरक्राफ्ट ऑपरेशन और फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट देखा। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्रोई, सांसद देवजी एम पटेल, रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल समेत जनप्रतिनिधि व वायुसेना समेत राजस्थान सरकार के अधिकारी मौजूद रहे।
पहले जगुआर व उसके बाद सुखोई ने की लैडिंग 

जालोर के चितलवाना उपखंड क्षेत्र के अगड़ावा सरहद में 3 किमी लंबी व 33 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी लोकार्पण दोनों मंत्रियों द्वारा करने के बाद यहां पर विमानों की लैङ्क्षडग हुई। सबसे पहले वायुसेना के जगुआर को पट्टी पर उतारा गया एवं उसके बाद सुखोई ने लैडिंग की। फाइटर जेटों का रनवे पर उतरतें ही दोनों मंत्रियों ने तालियां बजाकर वायुसेना के जवानों का स्वागत किया।
33 करोड़ की लागत से बनी इमरजेंसी स्ट्रिप
इस हवाई पट्टी को बनाने में 33 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एयरपोर्ट के अलावा पहली बार किसी हवाई पट्टी पर उतरने वाले प्लेन में मौजूद थे। रक्षा और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के करीब 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं।

19 महीने के रिकॉर्ड समय में हुआ तैयार  ..

बुधवार को वायुसेना ने इस हवाई पट्टी पर अपनी पहली रिहर्सल की। इस दौरान तीन फाइटर विमान उतारे। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई।  देश में यह पहली बार हुआ है जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। इस दौरान एसयू-30 एमकेआई, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट हुआ। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन  इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया।

देश में 12 हाइवे हो रहे तैयार

इसे भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। वायुसेना की इमरजेंसी लैंडिग के लिए तैयार किया गया है। यह युद्ध और इमरजेंसी में बेहद उपयोगी साबित होगा।  32.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह हवाई पट्टी तीन किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं, जहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके। इससे पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशक में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना की समग्र ताकत को बढ़ाने के लिए विषम क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

तीन हेलीपैड भी बनाए गए
इस एमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप के अलावा एयरफोर्स और इंडियन फोर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुंदनपुरा, सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100X30 मीटर आकार के तीन हेलीपैड भी बनाए गए हैं। इस निर्माण से इंडियन फोर्स और देश की पश्चिमी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।

इमरजेंसी हवाई पट्‌टी पर प्लेन की पार्किंग, सर्विस रोड भी
बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा अगड़ावा में बनी इमरजेंसी हवाई पट्टी वायुसेना के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की लंबाई 3 किमी. और चौड़ाई 33 मीटर है। हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर पार्किंग भी बनाई गई हैं, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क किया जा सके। एयर ट्रैफिक कंट्रोल की इमारत भी है।

इन देशों में भी हैं हाईवे इमरजेंसी हवाई पट्‌टी

  • जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, फिनलैंड, स्विटजरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों ने अपने राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर विमानों के उतरने और आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए ऐसी हवाई पट्टी बनाई हैं।
  • भारत में यह पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है, जो बनकर तैयार हो चुकी है। जबकि, आंध्र प्रदेश में ऐसी दो, जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक और हवाई पट्टी बनाई जा रही है।
  • उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है। जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। भारत में ऐसे राजमार्ग पर करीब 12 जगह हवाई पट्टी बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।

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