एक साल में घर से बिछड़े चार जनों के लिए फरिश्ता बने रानीवाड़ा एसडीएम

दक्षिण भारत से 20 दिन पहले घर से निकली महिला को वापस परिजनों से मिलाया

जालोर रानीवाड़ा एसडीएम मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर है हम भी, किसी मोड पर फिर मुलाकात होगी। यह शेर उन लोगों के लिए बहुत बड़ा संबल है जिनके अपने कभी बिछड़ जाते है और किसी फरिश्ते की वजह से फिर मिल भी जाते है। रानीवाड़ा के हीरपुरा गांव में भी ऐसा ही हुआ। जहां अपने परिजनों से बिछड़ी हुई तमिलनाडु की एक अर्द्धविक्षिप्त महिला तमिल सैल्वी को उपखण्ड प्रशासन की संवेदनशीलता क वजह से उसके परिजनों से मिलवाया जा सका और इस पूरे घटनाक्रम में फरिश्ता बन कर उभरे रानीवाड़ा उपखण्ड अधिकारी प्रकाशचन्द्र अग्रवाल।

रानीवाड़ा एसडीएम यूं चला घटनाक्रम

उपखण्ड कार्यालय रानीवाड़ा में 24 जून, गुरूवार को दोपहर को सूचना प्राप्त हुई कि दक्षिण भारत की लगभग 50 वर्षीय अर्द्धविक्षिप्त महिला रानीवाड़ा-सांचौर रोड़ पर स्थित हीरपुरा गांव में बैठी है और पूछने पर कुछ बता नहीं रही है जिस पर उपखण्ड अधिकारी प्रकाशचन्द्र अग्रवाल ने सूचनादाता से निवेदन किया कि वे तुरन्त ही उस महिला को किसी साधन से उपखण्ड कार्यालय रानीवाड़ा पहुंचा देवे। सूचनादाता हीरपुरा निवासी प्रधानाध्यापक जैसाराम मेघवाल ने शीघ्र ही उस महिला को उपखण्ड कार्यालय पहुंचा दिया गया।
रानीवाड़ा उपखण्ड अधिकारी प्रकाशचन्द्र अग्रवाल द्वारा महिला को कार्यालय में बैठाकर सामान्य जानकारी लेने का प्रयास किया गया किन्तु भाषा समझ में नहीं आने एवं महिला की दिमागी हालत ठीक नहीं होने से महिला कुछ भी बोलने में असमर्थ रही लेकिन यह जानकारी पता लग गई कि महिला तमिलनाडु की है। अधिकारियों द्वारा चेन्नई के व्यवसायी हाल गोदन निवासी निम्बाराम चौधरी से मोबाईल पर महिला से बात कराने के प्रयास किये गये। वार्ता से ज्ञात हुआ कि महिला का नाम तमिल सेल्वी पत्नी श्री मणी अय्यर है तथा अर्नामंगलम के बरनावटा गांव की निवासी है।
इस जानकारी के आधार पर उपखण्ड कार्यालय के सहायक प्रोग्रामर कृष्ण कुमार के सहयोग से इन्टरनेट के माध्यम से सर्च किया गया। दो-तीन जगह बात करने पर पोलर तहसील के तहसीलदार से बात हुई तो उन्होंने जानकारी दी कि महिला जो अर्नामंगलम गांव बता रही है वो निकट के तसील कलसपक्क्म है। प्राप्त जानकारी से संबंधित तहसीलदार से सम्पर्क किया गया और वाट्सएप के माध्यम से महिला की तस्वीर भेजी गई। कुछ ही समय में महिला के परिचितों से सम्पर्क हो गया। महिला के भाई आरूल एवं कुछ मारवाड़ी समाजसेवी व्यवसायियों से बात की गई एवं महिला के नजदीकी रिश्तेदारों को यहां आने को कहा गया। तब तक महिला के खान-पान व विश्राम के लिए उसे आत्मानंद सेवा संस्थान रानीवाड़ा में ठहराया गया जहां संचालक प्रागाराम पुरोहित द्वारा महिला की उचित देखभाल की गई।

रानीवाड़ा एसडीएम एक साल में चौथे व्यक्ति को अपने परिजनों से मिलवाया अग्रवाल ने

रानीवाडा उपखंड अधिकारी प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने पिछले एक साल में कुल चार लोगों को अपने परिजनों से मिलवाया है उन्होंने मई 2020 में 15 साल से घरवालों से बिछडे अर्जुनसिंह को झारखंड,जनवरी 2021 में 3 साल से घरवालों से बिछडी मीना को तमिलनाडु और कच्छ गुजरात से निकली महिला को नारीनिकेतन के माध्यम से परिजनों तक पहुंचाकर उनके होंठो पर मुस्कान लौटाई।
रानीवाडा उपखंड अधिकारी प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि  शुक्रवार को सुबह की फ्लाइट से महिला के भाई आरूल चेन्नई से अहमदाबाद एवं वहां से होते हुए रानीवाड़ा पहुंचे उसके बाद आवश्यक कागजात तैयार कर दोपहर में महिला को उसके भाई के साथ चेन्नई रवाना कर दिया गया। तमिलसेल्वी के भाई आरूल ने भावुकता के साथ उपखड अधिकारी प्रकाशचंद्र अग्रवाल एवं सहयोग करने वाले सभी लोगों का बेहद धन्यवाद दिया।