जालौर दुर्ग

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देश के सबसे अजेय किलों में से एक के रूप में माने जाने वाला जलोलर किले के बारे में एक प्रसिद्ध कथानक है- “आकाश फट जाए , पृथ्वी उल्टा हो जाए , लोहे के कवच को टुकड़ों हो जाए, शरीर को अकेले लड़ना पड़े , लेकिन जालोर समर्पण न करें “। पारंपरिक हिंदू वास्तुकला शैली में निर्मित, जलोलर किला एक खड़ी पहाड़ी पर 1200 मीटर की ऊंचाई में स्थित है। जालोर का किला इतनी ऊँचा था कि पूरे शहर के मनोरम दृश्य के लिए उपयुक्त था।

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जालोर फोर्ट का इतिहास

जालोर किले की वास्तविक निर्माण अवधि अज्ञात है, हालांकि यह माना जाता है कि किला 8 वीं -10 वीं सदी के बीच में बनाया गया था। जालोर शहर परमार राजपूतों ने 10 वीं शताब्दी में शासन किया था। जालोर का किला 10 वीं सदी का किला है और “मारू” (रेगिस्तान) के नौ महलों में से एक है जो परमार (राजपूत किंग्स के एक वंश) के अधीन था।

यह 1311 में था जब अलाउद्दीन खिलजी, डेल्ही के सुल्तान ने किले पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया। किले के खंडहर पर्यटकों के प्रमुख आकर्षण हैं।

जालोर फोर्ट के दिलचस्प तथ्य

  • जब अलाउ उद दीन खिलजी ने जालोर किला पर हमला किया, तो कई राजपूत सैनिक मारे गए, उनकी पत्नियां जलती हुई आग के तालाब में कूदकर खुद को मौत के घाट उतार दिया , ताकि सेना का विरोध करने से उनके सम्मान को बचाया जा सके। यह राजपूत महिलाओं के बीच उच्चतम त्याग की एक लोकप्रिय परंपरा थी और “जौहर” के रूप में जाना जाता था।
  • किले का मुख्य आकर्षण यहां उजाड़ हुआ आवासीय पैलेस है, जो अब चारों ओर विशाल रॉक संरचनाओं के साथ बर्बाद सममित दीवारों के साथ छोड़ा गया है।
  • हिंदू मंदिरों से जैन मंदिरों को मस्जिदों तक, इस जगह के विभिन्न शासकों के पवित्र स्थानों का प्रतिनिधित्व करते हुए, आप उन सभी को जालोर किले परिसर के अंदर पाएंगे।

राजस्थान में जालोर किला कैसे पहुंचे

  • निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है जो जलोरे से सिर्फ 141 किमी दूर है। हवाई अड्डे पर ही, जालोर किला के लिए कैब और टैक्सी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 में स्थित होने के नाते, जयपुर, अजमेर, अहमदाबाद, सूरत और बॉम्बे से राजस्थान रोडवेज / निजी बस सेवा के माध्यम से जालोर तक पहुंच सकते हैं।
  • निकटतम रेलवे स्टेशन जोधपुर है, जो भारतीय रेलवे के माध्यम से भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
Jalore Fort

 

जबालिपुर या जालहुर सूकडी नदी के किनारे बना यह किला राज्य के सुद्रढ़ किलों में से एक माना जाता हैं. इस किले को सोहनगढ एवं सवर्णगिरी कनकाचल के नाम से भी जाना जाता हैं. 8 वीं शताब्दी में प्रतिहार क्षत्रिय वंश के सम्राट नागभट्ट प्रथम ने इस किले का निर्माण करवाकर जालौर को अपनी राजधानी बनाया था.

जालौर के किले को अभी तक कोई आक्रान्ता इसके मजबूत द्वार को खोल नहीं पाया था. जब प्रतिहार शासक जालौर से चले गये तो इसके बाद कई वंशों ने यहाँ अपना राज्य जमाया. इस दुर्ग को मारू के नौ किलों में से एक माना जाता हैं. इस किले के सम्बन्ध में एक लोकप्रिय कहावत है आकाश को फट जाने दो, पृथ्वी उलटी हो जाएगी, लोहे के कवच को टुकड़ों में काट दिया जाएगा, शरीर को अकेले लड़ना होगा, लेकिन जालोर आत्मसमर्पण नहीं करेगा.

जालौर की पहाड़ी पर बना यह किला 336 मीटर (1200 फीट) ऊँचे पथरीले शहर से दीवार और गढ़ों के साथ गढ़वाली तोपों से सुसज्जित हैं. किले में चार विशाल द्वार हैं, हालांकि यह केवल एक तरफ से दो मील (3 किमी) लंबी सर्पिल चढ़ाई के बाद ही पहुंच योग्य है। किले का दृष्टिकोण उत्तर से ऊपर की ओर है, दुर्ग की तीन पंक्तियों के माध्यम से एक खड़ी प्राचीर दीवार 6.1 मी (20 फीट) ऊंची है। ऊपर चढ़ने में एक घंटा लगता है। किला पारंपरिक हिंदू वास्तुकला की तर्ज पर बनाया गया है ।

सामने की दीवार में बने चार शक्तिशाली द्वार या पोल हैं जो किले में जाते हैं: सूरज पोल, ध्रुव पोल, चांद पोल और सीर पोल। सूरज पोल या “सूर्य द्वार” इस ​​प्रकार बनाया गया है कि सुबह की सूर्य की पहली किरणें इस प्रवेश द्वार से प्रवेश करती हैं। यह एक प्रभावशाली गेट है जिसके ऊपर एक छोटा वॉच टॉवर है। ध्रुव पोल, सूरज पोल की तुलना में सरल है।

किले के अंदर स्थित महल या “आवासीय महल” अब उजाड़ दिया गया है, और जो कुछ बचा हुआ है, उसके चारों ओर विशाल रॉक संरचनाओं के साथ खंडहर सममित दीवारें हैं। किले के कट-पत्थर की दीवारें अभी भी कई स्थानों पर बरकरार हैं। किले में कुछ पीने के पानी के टैंक हैं।

किले के भीतर किला मस्जिद किला मस्जिद (किला मस्जिद) भी उल्लेखनीय है, क्योंकि वे काल की गुजराती शैलियों (यानी 16 वीं शताब्दी के अंत) से जुड़ी वास्तुकला की सजावट के व्यापक प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं । किले में एक और मंदिर संत रहमद अली बाबा का है। मुख्य द्वार के पास एक प्रसिद्ध मोहम्मडन संत मलिक शाह का मकबरा है । जैन मंदिर जालोर जैनियों का तीर्थस्थल भी है और यहां आदिनाथ , महावीर , पार्श्वनाथ और शांतिनाथ के प्रसिद्ध जैन मंदिर स्थित हैं.

जालौर किले का इतिहास Jalore Fort History जालोर फोर्ट का इतिहास
पश्चिमी राजस्थान में अरावली पर्वत श्रंखला की सोनगिरि पहाड़ी पर सूकड़ी नदी के दाहिने किनारे गिरि दुर्ग जालौर में निर्मित हैं. सोनगिरि पहाड़ी पर निर्मित होने के कारण किले को सोनगढ़ कहा जाता हैं. प्राचीन शिलालेखों में जालौर का प्राचीन नाम जाबलिपुर और किले का नाम सुवर्णगिरि मिलता हैं.

डॉ गौरीशंकर हीराचंद ओझा परमारों को जबकि डॉ दशरथ शर्मा प्रतिहार नरेश नागभट्ट प्रथम को इस किले का निर्माता मानते हैं. यह किला ८०० गज लम्बा और ४०० गज चौड़ा हैं. आसपास की भूमि से यह १२०० फीट ऊँचा हैं. मैदानी भाग में इसकी प्राचीर सात मीटर ऊँची हैं. सूरजपोल किले का प्रथम प्रवेश द्वार हैं. इसके पार्श्व में एक विशाल बुर्ज हैं जो प्रवेशद्वार की सुरक्षा में काम आती थी.

जालौर के किले पर परमार, चौहान, सोलंकियों, मुस्लिम सुल्तानों और राठौड़ों का आधिपत्य रहा. कीर्तिपाल चौहान के वंशज के नाम पर सोनगरा चौहान कहलाए. जालौर का प्रसिद्ध शासक कान्हड़देव था जिसे अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का सामना करना पड़ा.

छल कपट से खिलजी ने इस किले पर अधिकार कर लिया. तब जालौर का प्रथम साका हुआ. मालदेव ने मुस्लिम आधिपत्य समाप्त कर इस पर राठौड़ों का आधिपत्य स्थापित किया. इस किले की अजेयता के बारे में ताज उल मासिर में हसन निजामी ने लिखा यह ऐसा किला है जिसका दरवाजा कोई आक्रमणकारी नहीं खोल सका.

जालौर के किले में महाराजा मानसिंह के महल और झरोखे, दो मंजिला रानी महल, प्राचीन जैन मन्दिर, चामुंडा माता और जोगमाया मन्दिर, संत मालिकशाह की दरगाह, परमारकालीन कीर्ति स्तम्भ आदि प्रमुख हैं. अलाउद्दीन खिलजी ने जालौर का नाम जलालाबाद कर दिया और यहाँ अलाई मस्जिद का निर्माण करवाया.

 जालोर दुर्ग खुलने और बंद होने का समय

जालोर दुर्ग खुलने और बंद होने का समय

जालौर किला आप सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक जा सकते हैं।

विदेशी आक्रांताओं का मुकाबला करने के लिए वीरभूमि राजस्थान के यौद्धाओं ने अंतिम समय तक लड़ाई लड़ी, लेकिन क्षत्राणियां भी पीछे नहीं हटी। इस वीर भूमि पर जालोर और चित्तौड़ ही नहीं बल्कि अनेक जौहर हुए हैं, जिन्हें जनता आज भी याद करती है और आने वाली पीढि़यों को सुनाती है। हजारों क्षत्राणियां आग में भस्म होकर वीर गति को प्राप्त हुईं। इनमें जैसलमेर , रणथम्भौर व जालोर के जौहर इतिहास में मुख्य रूप से अंकित हैं।
जौहर और सतीत्व जैसे शब्द इन दिनों पदमावती फिल्म को लेकर जन-जन की जुबान पर है। आपको बता दें कि तत्कालीन राजपूताने में साढ़े 11 बार जौहर हुए। इनमें से पांच अकेले अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमणों के कारण हुए हैं। यह परम्परा ही खिलजी के समय ही शुरू हुई। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार 1294 से शुरू हुए जौहर 1568 तक 274 साल तक चली। परन्तु इसमें से आधे जौहर मात्र 18 साल के समय में अलाउद्दीन खिलजी के समय ही हुए। जैसलमेर का अंतिम जौहर आधा माना जाता है।
जालोर का जौहर और शाका
अलाउद्दीन खिलजी के नेतृत्व में लम्बे अरसे तक जालोर दुर्ग पर घेरा रहा। 1311 में बीका दहिया द्वारा किले का भेद दिए जाने पर युद्ध प्रारंभ हुआ। कान्हड़देव और वीरमदेव की वीरगति के बाद जालोर दुर्ग में 1584 महिलाओं ने जौहर किया। जालोर गढ़ में जौहर शीर्षक से पुस्तक लिखने इतिहासकार हरिशंकर राजपुरोहित बताते हैं कि राजस्थान की युद्ध परम्परा में जौहर और शाकों का विशिष्ठ स्थान है। जहां पराधीनता के बजाय मृत्यु का आलिंगन करते हुए यह स्थिति आ जाती है कि अब ज्यादा दिन तक शत्रु के घेरे में रहकर जीवित नही रहा जा सकता तब जौहर और शाके करते थे। इतिहास के व्याख्याता डॉ. सुदर्शनसिंह राठौड़ बताते हैं कि उस समय स्वतंत्रता सबसे प्रमुख हुआ करती थी। दुश्मन के हाथ में पड़कर सतीत्व लुटाने अथवा कैद होकर रहने की चाह मृत्यु से भी बदतर थी। पुरुष शाका अर्थात मृत्यु से अंतिम युद्ध और महिलाएं जौहर करती थी।

 

कैलाश धाम बिशनगढ़

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ये है राजस्थान का ‘कैलाश धाम’, 1KM दूर से ही दिखने लगती है ये भव्य मूर्ति

ये है राजस्थान का कैलाश धाम। जालोर से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर। सावन का पहला सोमवार और भगवान शिव का अभिषेक करतीं बारिश की बूंदें। मानो, इंद्रदेव अपने आराध्य का अभिषेक करने आए हों। बारिश में शिव प्रतिमा का स्वरूप और भी निखर आया। यहां का नजारा देखते ही बनता है। माहौल ऐसा कि ‘सत्य ही शिव हैं, शिव ही सुंदर हैं।’

72 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा एक किलोमीटर दूर से ही नजर आने लगती है।
72 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा एक किलोमीटर दूर से ही नजर आने लगती है।

बिशनगढ़ गांव में बने इस शिव धाम में भक्तों का तांता लगा रहता था। हर सोमवार को तो भक्तगण रहते हैं ही। सावन मास और शिवरात्रित में यहां विशेष पूजा अर्चना होती है। धाम में लगी 72 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा एक किलोमीटर दूर से ही नजर आने लगती है। महादेव की मूर्ति के नीचे एक गुफा बनी हुई है, जिसके अंदर 12 ज्योर्तिलिंग स्थापित किए गए हैं। ताकि यहां आने वाले भक्तों को एक ही स्थान पर सभी ज्योर्तिलिंग के दर्शन मिल सके।

महादेव की मूर्ति के नीचे एक गुफा बनी हुई है, जिसके अंदर 12 ज्योर्तिलिंग स्थापित किए गए हैं।
महादेव की मूर्ति के नीचे एक गुफा बनी हुई है, जिसके अंदर 12 ज्योर्तिलिंग स्थापित किए गए हैं।
बिशनगढ़ गांव में बने शिव धाम भक्तों का तांता लगा रहता था। सावन महीने और शिवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना होती है।
बिशनगढ़ गांव में बने शिव धाम भक्तों का तांता लगा रहता था। सावन महीने और शिवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना होती है।
बिशनगढ़ में 35 बीघा में फैला कैलाश धाम मंदिर परिसर - Dainik Bhaskar
बिशनगढ़ में 35 बीघा में फैला कैलाश धाम मंदिर परिसर
  • 72 फीट ऊंची है प्रतिमा आकर्षण का केंद्र, 35 बीघा में फैला कैलाश धाम मंदिर परिसर, देशभर से आते हैं श्रद्धालु

बिशनगढ गांव में मुख्य नाकोड़ा रोड पर स्थित विशालकाय शिव प्रतिमा एवं 35 बीघा में फैला हुआ मंदिर परिसर कैलाशधाम जालोर की विशेष पहचान बन गया हैं। यह धाम अब लोगों के लिए दर्शनीय स्थल बना हुआ है। जिले की अनमोल धरोहर के रुप में पहचान रखने वाले बिशनगढ के महादेव राज्य सहित देशभर में कैलाश धाम के नाम से प्रसिद्ध है।

यहां जिले व संभाग सहित प्रदेश व देशभर के लोग वर्षभर आते है। वही श्रावण मास में तो यहां भक्तों की भीड़ हर समय रहती हैं। वही कैलाश धाम के आसपास में छोटे-छोटे कई दर्जनों गांव होने से हर समय यहां लोगों का आवागमन बना रहता है।
72 फीट ऊंची शिव प्रतिमा आकर्षण का केन्द्र

बिशनगढ़ के कैलाश धाम परिसर में लगी 72 फीट उंची शिव प्रतिमा।
बिशनगढ़ के कैलाश धाम परिसर में लगी 72 फीट उंची शिव प्रतिमा।

बिशनगढ की शिव प्रतिमा देशभर में प्रसिद्ध हैं। तभी ऊंची प्रतिमाओं में जालोर जिले के कैलाशधाम का नाम प्रमुखता से लिया जाता हैं। यहां वर्षभर भक्तों का आना लगा ही रहता है। यह धाम 35 बीघा भूभाग में चारो ओर हरितिमा वातावरण के बीच स्थित है जहां चारो ओर का रमणिय वातावरण हैं।

यह सब  केवल एक ही व्यक्ति का प्रयास है जो अपनी मां की इच्छा के अनुरुप एक भक्त ने अपने इष्ट भगवान शिव को समर्पित किया। इसी सुन्दर मनमोहक वातावरण के बीच 72 फीट की प्रतिमा पारदेश्वर महादेव के रुप में बिराजमान है जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

भंवरानी के उद्यमी ने बिशनगढ़ गांव में करवाया मंदिर का निर्माण

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जालोर जिले के बिशगढ़ के विशालकाय महादेव का निर्माण कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के शिवोहम टेंपल की महादेव मूर्ति की तर्ज पर हुआ। कैलाश धाम का निर्माण जिले के भंवरानी निवासी भंवरलाल खींवसरा द्वारा उनकी मां की इच्छा व स्मृति में श्रीमती अणसीदेवी प्रतापचंद खिवखरा ट्रस्ट द्वारा निर्माण किया गया।

इस मंदिर का निर्माण कर्नाटक के शिवमोगा के आर्किटेक्ट श्रीधर द्वारा किया गया। जिसने बेंगलुरु के  महादेव प्रतिमा शिवोम का निर्माण किया था। वही मूर्ति भी उसी की तर्ज पर बनाई है लेकिन बेंगलुरु की मूर्ति की ऊंचाई 65.5 फीट एवं जालोर के कैलाश धाम की ऊंचाई 72 फीट है। वही बेंगलुरु की मूर्ति क्रिम कलर में निर्मित की हुई है, जबकी कैलाश धाम की मूर्ति नीले रंग एवं विभिन्न रंगों के साथ सुसज्जित है।

मां का सपना था, बेटे ने मंदिर बना साकार किया 
जालोर जिले के भंवरानी के रहने वाले उद्यमी भंवरलाल खींवसरा ने इस कैलाश धाम का निर्माण जून 2010 में करवाया है, जिनका कर्नाटक के बेंगलुरु में व्यवसाय है। भंवरलाल बताते है कि हमारे परिवार की सदैव शिव मे आस्था रही हैं। इसी के ओतप्रोत होकर बचपन से ही उनकी भक्ति में रम गया। वही मेरी मां की अटूट भक्ति में भी सदा उनके साथ रहा।

उनकी मां का सपना शिव मंदिर बनाने का था जो साकार किया। वे बताते है कि एक बार मां के साथ बेंगलूरु के ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित शिवोहम टेंपल में पूजा के लिये गया। जहां उनके द्वारा मां से शिवजी की महिमा के बारे में पूंछने पर मां ने कहा कि यह भगवान है जो पूरी दुनियां को सब कुछ देने वाले है। इस दौरान उन्होने उनकी मां की इच्छा के मुताबिक शिवोहम टेंपल जैसे मंदिर की इच्छा जताई, जो पूरी हो गई।

कैलाश धाम बिशनगढ़ जालौर का इतिहास

बिशनगढ़ के कैलाश धाम में स्थापित भगवान शिव जी की प्रतिमा देशभर में प्रसिद्ध हैं। कैलाश धाम का निर्माण जालोर जिले के भंवरानी गांव के निवासी भंवरलाल खींवेसरा द्वारा उनकी मां की इच्छा व स्मृति में श्रीमती अणसीदेवी प्रतापचंद खींवेसरा ट्रस्ट द्वारा निर्माण किया गया है। जालोर जिले के भंवरानी के रहने वाले भंवरलाल खींवेसरा का कर्नाटक के बेंगलुरु में अपना व्यवसाय है। कहते है कि खींवेसरा परिवार की सदैव शिव भक्ति मे आस्था रही हैं। भंवरलाल जी की माताजी श्रीमती अणसीदेवी की शिव जी की भक्ति में अटूट विश्वास रहा है। भंवरलाल खींवेसरा का कहना है कि एक बार वो अपनी माताजी के साथ बेंगलूरु के ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित शिवोहम टेंपल में पूजा के लिये गये। (Shivoham Temple Bengaluru Karnataka) इस दौरान उन्होने उनकी मां की इच्छा के मुताबिक शिवोहम टेंपल जैसे मंदिर की इच्छा जताई। अपनी माताजी की इच्छा के अनुसार भंवरलाल जी खींवेसरा ने शिवोहम टेंपल की तरह ही बिशनगढ़ जालौर मे कैलाश धाम का निर्माण कराया और अपनी माताजी श्रीमती अणसीदेवी प्रतापचंद जी खींवेसरा का सपना साकार किया।

कैलाश धाम बिशनगढ़ जालौर का निमार्ण कब हुआ था

जालोर जिले मे भवरानी गांव के निवासी श्री भंवरलाल जी खींवेसरा ने जून 2010 में कैलाश धाम का निर्माण कराया है। कैलाश धाम बिशनगढ़ में भगवान शिव जी की 72 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा कर्नाटक में बेंगलूरु के ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित शिवोहम टेंपल की तरह है। कैलाश धाम में स्थापित भगवान शिव जी की प्रतिमा का निर्माण कर्नाटक के शिवमोगा के आर्किटेक्ट श्रीधर द्वारा किया गया है। और बेंगलुरु के शिवोहम टेंपल की प्रतिमा का निर्माण भी श्रीधर द्वारा किया गया है। कैलाश धाम में बनाई गयी मूर्ति शिवोहम मन्दिर की मूर्ति के तरह ही बनाई गयी है।लेकिन बेंगलुरु की मूर्ति की ऊंचाई 65.5 फीट एवं जालोर के कैलाश धाम में मूर्ति की ऊंचाई 72 फीट है। वही शिवोहम मन्दिर बेंगलुरु की मूर्ति क्रिम कलर में निर्मित की हुई है जबकी कैलाश धाम की मूर्ति नीले रंग एवं विभिन्न रंगों के से सजाया गया है।

कैलाश धाम बिशनगढ़ जालौर मंदिर परिसर

भगवान शिव जी का यह कैलाश धाम मंदिर परिसर 35 बीघा में फैला हुआ है। मंदिर परिसर में खुबसूरत पेड़ पौधे और हरियाली है जो कैलाश धाम की सुंदरता चार चांद लगाते हैं। बिशनगढ गांव में स्थित कैलाशधाम जालोर जिले की विशेष पहचान बन गया हैं। यहां पर देशभर से श्रद्धालु भगवान महादेव के दर्शन करने आते हैं। कैलाश धाम मे श्रावण मास में तो यहां भक्तों की भीड़ हर समय रहती हैं। बिशनगढ गांव के आसपास और भी कई छोटे-बड़े गांव लगते हैं इस लिए यहां पर हर समय लोगों का आवागमन रहता है।

कैलाश धाम बिशनगढ़ जालौर कैसे पहुंचे

अगर आप कैलाश धाम बिशनगढ़ की यात्रा का प्लान बना रहे है तो सबसे पहले आपको राजस्थान के जालौर शहर पहुंचना होता है। जालौर शहर भारत के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां पर आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। कैलाश धाम बिशनगढ़ जालौर के मुख्य शहर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जालौर पहुंचने के बाद आप कैलाश धाम बिशनगढ़ के लिए बस टैक्सी या फिर बाइक से आसानी से पहुंच सकते हैं।

जब हम कार या मोटरसाइकिल या फिर कोई भी वाहन से कैलाश धाम में दर्शन करने जाते हैं तो हमे लगभग 5 किलोमिटर दूर से ही भगवान शिव जी की विशाल प्रतिमा के दर्शन होते हैं। जब हम कैलाश धाम पहुसते है तब सामने हैं। जब हम आगे की ओर बढ़ते तो सामने ही देवो के देव महादेव भगवान शिव जी की 72 फीट ऊंची विशालकाय मनमोहक प्रतिमा के दर्शन होते हैं। और शिव जी की प्रतिमा के सामने नंदी विराजमान हैं और मूर्ति के सामने ही एक छोटा सा सरोवर बनाया गया है इस सरोवर में कछुए रहते हैं और लोग इस सरोवर में सिक्के डालते हैं। शिव जी की मूर्ति के पास में ही श्री गणेश भगवान और अंबे माता की प्रतिमा भी स्थापित है। और पास हीं भगवान शिव जी का मंदिर है इस मंदिर में शिवलिंग स्थापित है भक्त यहां पर नतमस्तक होकर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते हैं। शिव जी की मूर्ति के पीछे की दिशा में कैलाश पर्वत बना है इसी कैलाश पर्वत में एक गुफा बनाई गई है इस गुफा में 12 ज्योतिर्लिंग के साक्षात दर्शन होते हैं।

12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

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कहते हैं भगवान शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद इंसान का जीवन सफल हो जाता है। इसलिए अपने धर्म में आस्था रखने वाले इंसान एक बार 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना जरूर चाहता है। आप भी भगवान शिव जी की 12 ज्योतिर्लिंगों के एक साथ दर्शन करना चाहते हैं तो आपको कैलाश धाम बिशनगढ़ जालौर जरूर आना चाहिए यहां पर भगवान शिव जी की विशाल प्रतिमा के पिछे की दिशा में विशाल कैलाश पर्वत बना है इसी कैलाश पर्वत में एक गुफा बनाई गई है इस गुफा में 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

जागनाथ महादेव मंदिर

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पहाड़ों के बीच छटा बिखेर रहा जागनाथ महादेव मंदिर, पांडवकालीन शिवालय भी यही है मौजूद

 

जालोर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर नारणावास के ऐसराणा पर्वत पर स्थित श्री जागनाथ महादेव मंदिर काफी प्राचीन और ऐतिहासिक है.

नारणावास कस्बे के पूर्व की ओर साढ़े चार किलोमीटर दूर अरावली पर्वत श्रृंखला की उपशाखा ऐसराणा पहाड़ पर सुनहरे रेतीले दोनों के बीच श्री जागनाथ महादेव मंदिर में विराजित है, यहां की प्राकृतिक सट्टा बरबस ही श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है. ऊंचे-ऊंचे विशाल हरे भरे पहाड़, रेत के बड़े-बड़े धोरे और उन पर उगी विभिन्न प्रकार की झाड़ियां आकर्षित करती हैं.

नारणावास के रूप सिंह राठौड़ ने बताया कि श्री जागनाथ महादेव मन्दिर के आस पास बहते हुए झरने, सदा बहार चलने वाली छोटी नदी जो स्थानीय श्रद्धालुओं में छोटी गंगा के नाम से जानी जाती है और आगुन्तको का मनमोह लेती हैं. जालोर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर स्थित श्री जागनाथ महादेव मंदिर बहुत प्राचीन और ऐतिहासिक है.

यह मंदिर कई वर्ष पहले मोरली गिरी महाराज ने बनवाया था, जिसे नया मन्दिर कहा जाता है. यहां से प्राप्त एक प्राचीन शिला लेख के अध्ययन से पता चलता हैं कि इस स्थल पर देवी का शिलालेख है और इस पर उत्कृत लेख मन्दिर की कहानी का गवाह है. यह लेख चौकोर स्तंभों के निचले भाग में स्थित है. मध्य भाग में मूर्तियां उत्कीर्ण है.  स्तंभों के ऊपरी भाग में मन्दिर के शिखर की आकृति बनी हुई है.

इसके अलावा उदय सिंह के लेख है. स्तंभ लेखों में जिन पर स्त्री मूर्तियां बनी हैं, यह मूर्तियां स्थल देवी की जान पड़ती है. इस मंदिर का स्थापना काल 1182 ई. से 1207 ई. जान पड़ती है. इसी प्रकार वि. सं.1278 के एक शिला लेख में उदय सिंह को अपनी महारानी सहित प्रणाम मुद्रा में दिखाया गया है. इसके अलावा 1264 ई. का शिलालेख एक चबूतरे पर लगा हुआ है.

इस जागनाथ महादेव का शिवलिंग इतना प्राचीन हैं कि इस सफेद मार्बल की पट्टियों से ढक दिया गया हैं जिससे जलघात से शिवलिंग को बचाया जा सके. मन्दिर परिसर में कई शिलालेख और स्तम्भ रखे हुए है. कुछ तो 700 से 800 वर्ष पुराने बताए जाते है. ये सभी पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. शिवालय परिसर में सोनगरा जुझार बावसी का स्थान भी है, जिनको सबसे पहले पूजा करने का वचन दिया हुआ है, यह परिपाटी आज भी कायम है.

युद्ध में काम आए सोनगरा सिपाई 
इस जागनाथ महादेव मन्दिर के साथ ऐतिहासिक दृष्टांत जुड़े हुए है. कहते हैं कि अलाउद्दीन खिलजी के जालोर पर आक्रमण के समय सोनगरा वंशीय कुछ सैनिक लड़ाई में घायल होकर इस मंदिर में आए और शरण ली थी. वीर वीरमदेव के 140 सैनिक जिन्होंने यहां शरण ली थी उनका मुगल फौज ने पीछा किया और यहीं पर उनके बीच घमासान यद्ध हुआ जिसमें सोनगरा सैनिक शहीद हो गए.

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इसलिए यहीं प्रतिष्ठित किए सोनगरा जुझार
कहते है कि सिपाहियों के शहीद होने की घटना के काफी समय बाद तपस्वी मोरली गिरी महाराज ने यहां मन्दिर निर्माण का कार्य शुरू करवाया लेकिन दिन भर बना निर्माण रात को गिर जाता था.

मन्दिर गिरने की घटना प्रतिरोज होने लगी तो योगिराज मोरली गिरी ने ध्यान लगाकर विघ्न उत्पन्न करने वालों का पता लगाया. इस पर पता लगा कि श्राद्ध और तर्पण नहीं होने से 140 सैनिकों की मुक्ति नहीं हुई हैं और वे मन्दिर के काम में रुकावट डाल रहे है. महाराज ने सैनिकों की आत्मा को आश्व्स्त किया की वे उनकी अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित कर तर्पण करेंगे. साथ ही उन्होंने ऐसा किया भी लेकिन एक शहीद की अस्थियां विसर्जित होने से रह गई.

मन्दिर निर्माण में फिर बाधा पहुंची तो योगिराज मोरली गिरी ने ध्यान लगाया जिसमें यह जानकारी हुई तब योगिराज ने कहा कि अब वापस हरिद्वार जाना सम्भव नही हैं लेकिन उनकी मूर्ति इस मंदिर के प्रांगण में स्थापित की जाएगी. साथ ही शिवालय की रक्षा करने की बात कही. इस पर सैनिक की आत्मा ने कहा कि इस मंदिर में सबसे पहले मेरी पूजा होनी चाहिए तो मैं मान जाऊंगा. इस पर योगिराज ने यह शर्त मान ली. इसके बाद आज भी सबसे पहले सोनगरा जुझार की पूजा की जाती है.

यहां पांडवकालीन शिवालय भी है
नारणावास के रूप सिंह राठौड़ ने बताया कि जागनाथ महादेव परिसर में एक और शिव मंदिर हैं जो पांडवों के काल का बताया जाता हैं, जो आज से 220 वर्ष पूर्व एक रेतीले धोरे के बीच से निकला था. इसे जूना महादेव मन्दिर के नाम से जाना जाता है.

वर्तमान श्री जागनाथ महादेव मन्दिर तत्कालीन मंहत सोमवार भारती महाराज के अथक प्रयासों से 1984 में संगमरमर मंदिर का पुननिर्माण करवाया गया था, जिसकी प्रतिष्ठा उनके बाद महंत गंगा भारती महाराज ने करवाई थी. श्री जागनाथ मन्दिर के महंत गंगा भारती महाराज सोमवार भारती महाराज के परम शिष्य थे, जो बड़े तपस्वी थे.

मन्दिर में एक प्राचीन बावड़ी भी है, जिसका जल कभी नहीं सूखता है. शिवरात्रि के साथ-साथ प्रति वर्ष दो मेलों का आयोजन होता है. इसमें जालोर, सिरोही, पाली और गुजरात के श्रद्धालु भाग लेते है. साथ ही सावन महीने में आने वाले प्रत्येक सोमवार को यहां मेले सा नजारा दिखता है. ब्रह्मलीन गंगा भारती महाराज के शिष्यों में से महंत महेंद्र भारती और विष्णु भारती मन्दिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करते है.

जागनाथ जी के नाम से रेलवे स्टेशन भी 
जालोर और बागरा रेलवे ट्रेक के बीच नारणावास से भागली प्याऊ जाने वाले सड़क मार्ग पर जागनाथ जी के नाम से एक रेलवे स्टेशन भी आया हुआ है. श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुविधा के लिए लोकल रेल गाड़िया रुकती है और रेल यात्री और जागनाथ महादेव आने वाले श्रद्धालु इसी जागनाथ स्टेशन से यात्रा करते है.

भाद्राजुन

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इतिहास

279307211 535046944644294 2960631392611093945 n भाद्राजुन jalore news 279354962 535046927977629 1951210411009978476 n भाद्राजुन jalore news bhadrajun1 भाद्राजुन jalore news31681683 2179963212237722 392655986193596416 n भाद्राजुन jalore news
गाँव “सुभद्राजुन” (अब भाद्राजुन) लगभग 5,000 साल पहले बसा हुआ था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार उस युग को “त्रेता युग” कहा जाता था, जो महाभारत काल के साथ माना जाता है, यह भारत में लड़ी गई सबसे बड़ी लड़ाई में से एक थी। ऐसा माना जाता है कि उस युग के सबसे महान योद्धा “अर्जुन” को भगवान कृष्ण की बहन “सुभद्रा” और उनके बड़े भाई “बलराम” से प्यार हो गया। अर्जुन पांडवों के पांच भाइयों में से एक थे। वे एक ऐसी सजा से गुज़र रहे थे जहाँ उन्हें 11 साल जंगलों में रहना था और पिछले एक साल तक छिपे रहना था। यह प्रेम प्रसंग तब शुरू हुआ जब सजा का आखिरी साल चल रहा था; इसलिए अर्जुन और सुभद्रा को बिना किसी की पहचान के शादी करनी पड़ी। भगवान कृष्ण जानते थे कि संत (अर्जुन एक संत के रूप में प्रच्छन्न थे) कोई और नहीं बल्कि अर्जुन हैं। उन्हें इस विवाह से कोई आपत्ति नहीं थी; इसलिए उन दोनों को पश्चिमी भारत में हिंदुओं के तीर्थ द्वारिका से जल्दी से दूर जाने के लिए कहा, ताकि उन्हें शादी करने में कोई समस्या न हो। दोनों प्रेमी इस घाटी तक पहुँचने के लिए तीन रातों और दो दिनों के लिए बिना रुके एक जुड़वां-घोड़ों के रथ में जितनी तेजी से आगे बढ़ सकते थे, चले गए, जहाँ आज भाद्राजुन गाँव स्थित है। उन दिनों इस घाटी में कोई निवासी नहीं था इसलिए यहां रहना और कुछ आराम करना सुरक्षित था। भागे हुए जोड़े ने यहां इसी घाटी में एक पुजारी (पुरोहित) की मदद से शादी कर ली। चूँकि सुभद्रा और अर्जुन का विवाह घाटी में हुआ था, कुछ समय बाद, लोग इस घाटी में बसने लगे और तब इस गाँव का नाम “सुभद्राजुन” रखा गया और बाद में इसे “भद्राजुन” नाम दिया गया। पुजारी ने समारोह किया और इसलिए अर्जुन ने उन्हें एक ‘शंख’ (शंख) दिया और सुभजाद्रा ने उन्हें अपनी ‘नाक की अंगूठी’ (बाली) दी और वहां पुजारी के गांव का नाम ‘शंखवाली’ रखा गया जो आज भी मौजूद है। हमारे पास पहाड़ों की एक ही श्रृंखला में पहाड़ी के पीछे एक घाटी में सुभद्रा देवी (देवी) का एक बहुत पुराना मंदिर है।

भाद्राजून के वर्तमान राजा भाद्राजुन किले पर कब्जा करने वाली 17 वीं पीढ़ी हैं। उनके पूर्वज जो इस किले में सबसे पहले आए थे, ठाकुर रतन सिंह थे, जो जोधपुर के महाराजा राव मालदेव के चौथे पुत्र थे, जो वर्ष 1549 में थे। अंत में भाद्राजुन की संपत्ति को जोधपुर के महाराजा ने वर्ष 1652 (ठाकुर रतन सिंह के बाद दो पीढ़ियों) में मान्यता दी थी। . भाद्राजून सामंतवाद के तहत 84 गांव थे। भाद्राजून जोधपुर राज्य के दस प्रमुख ठिकाना (संपदा) की लीग में बना रहा। ठिकाना (संपदा) निम्नलिखित हैं: –

भाद्राजून’ राजस्थान के ऐतिहासिक तथा प्राचीन स्थलों में से एक हैं। यह राजस्थान के जालोर-जोधपुर मार्ग पर जालोर जिला मुख्यालय से लगभग 54 किलोमीटर दूर अवस्थित हैं
यह एक छोटा सा गांव हैं, जो यहां के इतिहास, दुर्ग व महल के कारण राज्य में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता हैं।भाद्राजून।कस्बे के तलहटी में प्राचीन घरों व मंदिरों के कई खण्डहर मौजूद है। जो प्राचीन सभ्यता की याद दिलाते हंै। यहां आज भी मकानों के भग्नावेश, कुएं व बावडियां दिखाई देती हैं। प्राचीन ताम्रपत्र पर गौर करें तो तलहटी के मेवासा की नाल में कभी नियोजित.राजस्थान के अनेक प्राचीन/अति-प्राचीन दुर्ग, महल व स्मारक, वक्त के थपेड़ों को सहते-सहते.. या तो काल कवलित हो चुके हैं अथवा आज अपने अस्तित्व को बचाये रखने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। इन सब के बीच कुछ ऐसे दुर्ग एवं महल भी हैं जिनके शासकों द्वारा समय-समय पर संरक्षण व सुरक्षा के साथ जीर्णोद्वार के प्रयास किए जाने से वे आज भी अपने मूल स्वरूप के लगभग अक्षुण बनाये हुए हैं। राजस्थान के ऐसे ही ऐतिहासिक तथा प्राचीन स्थलों में से एक हैं ‘भाद्राजून’।
राजस्थान के ऐसे ही ऐतिहासिक तथा प्राचीन स्थलों में से एक हैं ‘भाद्राजून’। भाद्राजून एक छोटा सा गांव हैं, जो यहां के इतिहास, दुर्ग व महल के कारण अपनी एक अलग पहचान रखता हैं। पश्चिमी राजस्थान के जालोर जिले में यह प्राचीन स्थल लूणी नदी के बेसिन पर स्थित हैं। भाद्राजून पिछली शताब्दियों में हुए अनेक युद्धों व ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा हैं। मारवाड़ राजवंश तथा मुगल साम्राज्य के शासकों के बीच यहां अनेक बाद युद्ध तथ आक्रमण हुए। यहां के शासकों की एक लम्बी …
भाद्राजून।कस्बे के तलहटी में प्राचीन घरों व मंदिरों के कई खण्डहर मौजूद है। जो प्राचीन सभ्यता की याद दिलाते हंै। यहां आज भी मकानों के भग्नावेश, कुएं व बावडियां दिखाई देती हैं। प्राचीन ताम्रपत्र पर गौर करें तो तलहटी के मेवासा की नाल में कभी नियोजित.
भाद्राजून’ दुर्ग का निर्माण सोलहवीं शताब्दी में एक पहाड़ पर किया गया जो छोटा हैं किन्तु सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण, मजबूत व सुरक्षित हैं। यह दुर्ग घोड़े के पैर(खुर) के आकार की घाटी से जुड़ा हुआ हैं जिसमें एक ही तरफ पूर्व दिशा से प्रवेश किया जा सकता हैं। दुर्ग की दीवार लगभग 20-30 फीट ऊंची तथा उसकी एक समान चौड़ाई दस फीट की हैं। दुर्ग की प्राचीर में अनेक बुर्जे बनी हुई हैं जिनका उपयोग युद्धकाल में तोप, बन्दूक व तीर चलाने में किया जाता था। चारों ओर पहाडिय़ां व घाटियां हैं
भाद्राजून : सुभद्रा अजु‍र्न का विवाह स्थल
जब अलाऊद्दीन खिलजी को दिल्ली में यह समाचार मिला तो वह तिलमिला उठा और हर कीमत पर जालौर पर कब्जा करना चाहा।

उसने अपने योग्य सेनापति मलिक कमालुद्दीन के नेतृत्व में शस्वास्त्रों से सुसजित एक बहुत बडी सेना जालौर विजय हेतु भेजी – कान्हडदेवजी ने भाई मालदेवजी और राजकुमार वीरमदेवजी के नेतृत्व में दो सेनायें तैयार की। वीरमदेवजी की सेना ने भाद्राजून में मोर्चा लिया- युद्ध में दोनों तरफ की सेनाओं का भारी नुकसान हुआ history of bhadrajun
l भगवान श्री कृष्ण को लेकर जालोर के इतिहास में कई कथाएं प्रचलित है। बताया जाता है भगवान श्री कृष्ण जिले के कई गांवों से होकर गुजरे थे। महाभारत तथा पौराणिक कथानुसार आर्यों की यादव शाखा के नेता बलराम और श्री कृष्ण मरूकांतर ((रेगिस्तानी क्षेत्र))होकर गुजरे। पौराणिक कथाओं में ऐसा उल्लेख है कि कृष्ण भगवान भाद्राजून में अपनी बहिन सुभद्रा से मिलने आए थे। ऐसा माना जाताभाद्राजून’ का सीधा संबंध महाभारत काल से हैं। इस लिहाज से इसकी उत्पति पांच हजार वर्ष पुरानी मानी जाती हैं। ‘भाद्राजून’.. दो शब्दों-सुभद्रा व अर्जुन को मिलाकर बना हैं। सुभद्रा भगवान श्रीकृष्ण की बहन थी तथा अर्जुन पाण्डु पुत्र थे। प्रारम्भ में यह स्थान ‘सुभद्रा-अर्जुन’ के नाम से जाना जाता था, लेकिन कालान्तर में इसमें धीरे-धीरे परिवर्तन हो गया और बोलचाल की भाषा में इसे ‘भाद्राजून’ के नाम से पुकारा जाने लगा। ‘सुभद्रा-अर्जुन’ अर्थात आज का ‘भाद्राजून’ ग्राम की बसावट पांच हजार वर्ष पुरानी मानी जाती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में महाभारत का युद्ध हुआ था, अत: इसका सीधा ताल्लुक महाभारत काल से हैं। उस समय का महान योद्धा पाण्डु पुत्र धनुर्धर ‘अर्जुन’ भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा के प्रेम में आबद्ध हो गया था। उन दिनों पाण्डव वनवास पर थे, इस दौरान पांचों पाण्डु पुत्रों को बारह वर्षों तक जंगलों में व एक वर्ष अज्ञातवास में रहना था। ‘सुभद्रा-अर्जुन’ का प्रसंग भी उस वक्त का ही हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन व अपनी बहन सुभद्रा को गुजरात के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ‘द्वारिका’ जाने का परामर्श दिया। दोनों ने प्रस्थान किया तथा लगातार तीन दिन और रात चलने के बाद वे लूणी नदी के बेसिन पर बनी इस घाटी पर पहुंचे, जहां आज ‘भाद्राजून’ गांव स्थित हैं।

उस स्थान का नाम शंखबाली पड़ गया
उन दिनों यहां किसी तरह की कोई बसावट नहीं थी अर्थात कोई नहीं रहता था। यहीं कारण था कि यह स्थान सुभद्रा और अर्जुन के लिए विश्राम करने हेतु एकांत व सुरक्षित था। यहीं पर उन्होंने एक मंदिर के पुजारी की मदद से विवाह किया। कहते हैं उसके बाद ही धीरे-धीरे इस घाटी में अन्य लोगों ने भी बसना शुरू किया और इस स्थान का नाम ‘सुभद्रा-अर्जुन’ हो गया जिसे बाद में ‘भाद्राजून’ के नाम से जाना जाने लगा। सुभद्रा-अर्जुन के विवाह की रस्म पुरी करने वाले पुजारी(पुरोहित) को अर्जुन ने एक शंख तथा सुभद्रा ने अपने नाक की बाली खोलकर भेंट स्वरूप प्रदान की। इसके पश्चात् पुरोहित द्वारा जिस स्थान पर विवाह की रस्म अदा कराई गई उस स्थान/गांव का नाम शंखबाली पड़ गया जो आज भी विद्यमान हैं। यहां पहाड़ी के पीछे सुभद्रा देवी का प्राचीन मंदिर भी हैं जिसे ‘धुमदामाता मंदिर’ के नाम से जाना जाता हैं।

ऐतिहासिक दृष्टि से ‘भाद्राजून’ का महत्व

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‘भाद्राजून’ दुर्ग महल पर वर्तमान में भाद्राजून के शासकों की 17वीं पीढ़ी का स्वामित्व हैं। इनके पूर्वज ठाकुर रतनसिंह जो जोधपुर के महाराज राव मालदेव के चौथे पुत्र थे, सन् 1549 में यहां आये थे। अंतत: भाद्राजून रियासत सन् 1652 में महाराजा जोधपुर के अधीन आई। ‘भाद्राजून’ उस समय जोधपुर राज्य के दस बड़े ठिकानों में गिना जाता था। जोधपुर महाराजा और नागरिकों द्वारा यहां के ठिकाने व शासकों को पूरा आदर-सम्मान दिया जाता था। ऐसा ही आदर-सम्मान इस रियासत के राज परिवार से संबद्ध महिलाओं को भी मिलता था। अन्य रियासतों की तरह इस रियासत को भी न्यायिक शक्तियां मिली हुई थी। ये किसी भी अपराधी को अधिकतम छ: माह के लिए जेल में रहने की सजा सुना सकते थे। इनकी अपनी पुलिस व्यवस्था और जेल खाने भी थे। जोधपुर के राठौड़ों के अधीन आने से पूर्व ‘भाद्राजून’ परिहार राजपूतों, भाटी, सोनगरा, सिंहल राठौड़ तथा मण्डावर राठौड़ राजपूतों के अधीन भी रहा था। यहां के शासकों ने सामाजिक उत्थान व विकास से संबंधित अनेक कल्याणकारी गतिविधियां अपने समय में संचालित की। यहां के शासक परिवार में से स्वर्गीय राजा गोपालसिंह राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं।

‘भाद्राजून’ के भव्य दुर्ग एवं महल

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‘भाद्राजून’ दुर्ग का निर्माण सोलहवीं शताब्दी में एक पहाड़ पर किया गया जो छोटा हैं किन्तु सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण, मजबूत व सुरक्षित हैं। यह दुर्ग घोड़े के पैर(खुर) के आकार की घाटी से जुड़ा हुआ हैं जिसमें एक ही तरफ पूर्व दिशा से प्रवेश किया जा सकता हैं। दुर्ग की दीवार लगभग 20-30 फीट ऊंची तथा उसकी एक समान चौड़ाई दस फीट की हैं। दुर्ग की प्राचीर में अनेक बुर्जे बनी हुई हैं जिनका उपयोग युद्धकाल में तोप, बन्दूक व तीर चलाने में किया जाता था। चारों ओर पहाडिय़ां व घाटियां होने से दुर्ग को अत्यधिक प्राकृतिक सुरक्षा मिली हुई थी। सामरिक दृष्टि से सुरक्षित इस दुर्ग की अकबर के सेनापतियों द्वारा प्रशंसा की गई थी(ऐसा इतिहासकार बताते हैं)। अकबर की सेना जोधपुर के राव चंद्रसेन के समय यहां से गुजरी थी। दुर्ग पर अनेक प्राचीन अवशेष आज भी दिखाई पड़ते हैं। यहां तत्कालीन ठाकुर बख्तावरसिंह ने एक पक्का जलाशय बनवाया था जिसे आज ‘बख्तावर सागर’ के नाम से जाना जाता हैं।

समुद्र तट से इस दुर्ग की औसत ऊंचाई दो हजार फीट हैं। जिस उबड़-खाबड़ पथरीली पहाड़ी पर यह दुर्ग बना हुआ हैं उस पर अनेक पेड़, पौधे, वनस्पति, झाडिय़ां व चट्टानें हैं। दुर्ग के चारो ओर के जंगल में अनेक जंगली जीव विचरण करते देखे जा सकते हैं। राज परिवार का निवास स्थल, जिसे यहां की भाषा में रावला कहते हैं.. हेरीटेज होटल में परिवर्तित किया जा चुका हैं। यहां वर्ष भर देशी-विदेशी पयर्टक आते हैं जिन्हें जीप सफारी द्वारा ‘भाद्राजून’ के ग्रामीण परिवेश का अवलोकन कराया जाता हैं तथा जंगल की सैर भी कराई जाती हैं। ‘भाद्राजून’ महल में चौदह सुसज्जित कक्ष हैं जिनमें प्रमुख हैं शीष महल, गोपाल महल, हवा महल और गुमटा महल। अनेक कक्षों की दीवारों पर सुन्दर चित्रकारी एवं कांच का काम किया हुआ हैं। आकर्षक झाली-झरोखों युक्त महल का स्थापत्य देखते ही बनता हैं। इसमें ऐतिहासिक व प्राचीन साजो-सामान भी संग्रहित हैं। महल की एक खासियत यह भी हैं कि सूर्योदय की पहली किरण सभी कक्षों में सीधी पहुंचती हैं। ‘भाद्राजून’ ग्राम के बाहरी भाग में राजा-महाराजाओं की कलात्मक छतरियां बनी हुई हैं जिन्हें ‘देवल’ कहते हैं।

प्राकृतिक सौन्दर्य की मिसाल दे रही भाद्राजून की ये दिल के आकार की बावड़ी

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सांचौर की आरके बस में 45 अभ्यर्थियों को पढ़ाया जा रहा था पींडवाड़ा-उदयपुर हाईवे पर पेपर, 49 जने गिरफ्तार, अधिकतर जालोर के

– जैसला का सुरेश ढ़ाका व परावा का भूपेद्र सारण भी आरोपी, पेपर पढ़ाने का मुख्य आरोपी हेमागुड़ा का सुरेश विश्नोई

उदयुपर. पींडवाड़ा-उदयपुर हाईवे पर बेकरिया पुलिस थाने के आगे उदयपुर पुलिस की टीम ने एक बस को पकड़कर सैंकड भर्ती परीक्षा पेपर लीक का बड़ा खुलासा किया हैं। जालोर के सांचौर की इस बस में आरपीएससी की सैंकड ग्रेड भर्ती परीक्षा के पहले पारी में जीके का पेपर था। पुलिस ने जैसे ही बस को रूकवाकर तलाशी ली तो सब आरोपियों के पास पेपर मिले। जिस पर पुलिस ने 45 अभ्यर्थियों समेत 49 जनों को गिरफ्तार कर लिया। बस में पेपर को पढ़ाने वाला मुख्य आरोपी सांचौर के हेमागुड़ा निवासी हेडमास्टर सुरेश कुमार साहू निकला हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया हैं कि सुरेश कुमार को पेपर जयपुर में रहने वाले सुरेश ढाका व परावा निवासी भूपेंद्र सारण ने उपलब्ध करवाया। अब पुलिस उन दोनों को गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटी हुई हैं।

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ऐसे पकड़े गए : पुलिस को सूचना मिली थी की बस संदिग्ध घूम रही

एसपी विकास शर्मा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी एक बस दो दिनों से पींडवाड़ा-उदयपुर सड़क पर संदिग्ध हैं एवं उसमें पेपर पढ़ाया जा रहा हैं। जिस पर उदयपुर की पुलिस ने पूरी रात सिरोही, गोगुंदा और बेकरिया व उदयपुरद्ध के पास स्टूडेंट्स की बस पर नजर बनाए रखी थी। बस में सवाल छात्रों को एक के बाद एक सवाल सॉल्व करवाए जा रहे थे। इस बस को एक कार एस्कॉर्ट कर रही थी। कार को पकडऩे के बाद पुलिस ने बस को बेकरिया में पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के पास मिले पेपर से आरपीएससी की मदद से ऑरिजनल पेपर से मिलान किया तो सवाल मिल गए।

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अधिकतर अभ्यर्थी जालोर के

बस में मौजूद अधिकतर अभ्यर्थी जालोर जिले के रहने वाले हैं। आपस में सभी किसी न किसी को रिश्तेदारी और दोस्ती के हिसाब से जानते थे। कई लोग साथ कोचिंग भी कर चुके हैं। कुछ दिन पहले सुरेश ने पेपर में पास करवाने और एक प्लान से सबको नौकरी लगवाने की गांरटी ली थी। सुरेश ने सभी को कहा था वो पहले भी कई तरीकों से लोगों को पास करवा चुका हैं।

पेपर वाली बस में सवार यह 45 अभ्यर्थी गिरफ्तार
पेपर वाली बस में सवार यह 45 अभ्यर्थी गिरफ्तार 
FB IMG 1671958842182 सांचौर की आरके बस में 45 अभ्यर्थियों को पढ़ाया जा रहा था पींडवाड़ा-उदयपुर हाईवे पर पेपर, 49 जने गिरफ्तार, अधिकतर जालोर के jalore news FB IMG 1671958845607 सांचौर की आरके बस में 45 अभ्यर्थियों को पढ़ाया जा रहा था पींडवाड़ा-उदयपुर हाईवे पर पेपर, 49 जने गिरफ्तार, अधिकतर जालोर के jalore news

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रानीवाड़ा : बिल्डर के घर से डेढ़ करोड़ का सोना चोरी, पुलिस की टीम तलाशने में जुटी, सीसीटीवी में संदिग्ध का चेहरा कैद

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– राजस्थान गो सेवा आयोग के सदस्य व बिल्डर प्रताप राजपुरोहित के घर चोरी की वारदात

रानीवाड़ा. थाना क्षेत्र के जेतपुरा गांव में रविवार रात को अज्ञात चोरों ने एक सूने मकान से करीब डेढ़ करोड़ का सोना चोरी कर लिया। वारदात के बाद से अब तक चोरों का पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं लगा हैं। यह चोरी की वारदात जेतपुरा निवासी व मुंबई में बिल्डर एवं राजस्थान गो सेवा आयोग के सदस्य प्रतापराज राजपुरोहित के घर पर हुई हैं। परिवार समेत बिल्डर राजपुरोहित मुंबई में निवास करते हैं। ऐसे में अज्ञात चोरों ने सोमवार की रात को जेतपुरा में बने मकान का ताला तोड़ते हुए कमरों के भीतर लॉकर से सोने के जेवरात चुरा लिए। सोमवार सुबह पुलिस को जानकारी लगते ही एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला, एएसपी दशरथ सिंह, रानीवाड़ा डीएसपी शंकरलाल समेत बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंच चोरों की तलाशी शुरू कर दी हैं। पुलिस को बिल्डर के भाई छगनाराम राजपुरोहित ने 300 तोला से अधिक सोने के जेवरात चोरी होने की रिपोर्ट दी हैं।

सफेद इनोवा कार में सवार होकर आए हैं बदमाश

पुलिस को अब तक चोरों की अहम जानकारी नहीं मिली हैं। हालांकि पुलिस ने गांव में लगे सीसीटीवी में एक कार को संदिग्ध माना हैं। सफेद कलर की इनोवा कार को चयनित करते हुए उसकी जानकारी जुटाने में लगी हुई हैं एवं एक संदिग्ध को भी पुलिस ने चयनित करते हुए उसकी पहचान के प्रयास शुरू किए है। वहीं चोरी की वारदात के बाद एसपी, डीएसपी, 7 थानाधिकारी समेत थाने जुटे वारदात खोलने में चोरी वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस में हडक़ंप मच गया। एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला खुद 3 घंटे तक मौका स्थल पर रूके रहे। सांचौर एएसपी दशरथ सिंह, रानीवाड़ा डीएसपी शंकरलाल व रानीवाड़ा, जसवंतपुरा, करड़ा, भीनमाल, बागरा, जालोर व डीएसटी के थानाधिकारी मय टीम इस घटना को खोलने में लगे हुए हैं।

सांचौर के हेड कांस्टेबल ने मांगे ढाई लाख, 50 हजार रिश्वत के ले लिए, अब वापिस दिलवाने की गुहार लगा धरने पर बैठा परिवार

– धोखाधडी के मामले में गिरफ्तारी के बाद परिवार का धरना, इसी मामले में समझौता को लेकर रुपए मांगने का आरोप

सांचौर.

सांचौर उपखंड अधिकारी कार्यालय के आगे धाणता निवासी एक परिवार ने शनिवार से धरने पर बैठते हुए हेड कांस्टेबल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांचौर थाने में कार्यरत्त हेड कांंस्टेबल रामचंद्र विश्नोई पर आरोप हैं कि इस परिवार के थाने में गिरफ्तार युवक सुरेश कुमार को पकडऩे से पहले ढाई लाख रुपए की समझौता करवाने के नाम पर रिश्वत मांगी। 50 हजार रुपए की रिश्वत पीडि़त परिवार ने कांस्टेबल रामचंद्र विश्नोई को दे दी। उसके बाद भी पुलिस ने सुरेश कुमार को गिरफ्तार करते हुए मारपीट की। अब पीडि़त परिवार विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं।

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यह था मामला : कुछ दिन पहले हुआ था मामला दर्ज

जानकारी के अनुसार सांचौर में सीएमएच कंपनी का एटीएम लगा हुआ हैं। इस एटीएम में धाणता निवासी सुरेश कुमार नौकरी कर रहा था। कंपनी ने अब आरोप लगाते मामला दर्ज करवाया कि सुरेश कुमार ने कंपनी रुपए ले लिए। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर किया था। सुरेश के पिता रामलाल का आरोप हैंं कि गिरफ्तारी के बाद उसके साथ बबर्रता पूर्वक मारपीट की गई।

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धरने पर बैठा परिवार यह हैं मांगें

धरना दे रहा परिवार अब हेड कांंस्टेबल को थाने से हटाने, 50 हजार रुपए की रिश्वत को वापिस दिलवाने, सुरेश कुमार के साथ मारपीट हुई हैंं उसका मेडिकल करवाकर हेड कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे है। परिवार ने चेतावनी दी हैं कि जब तक मांगें पूर्ण नही होने तक धरना जारी रहेगा।

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जोधपुर में गैंस कांंड के बाद रानीवाड़ा में भी लापरवाही, ट्रॉली रिपेंयरिग के कारखाने मे मिले अवैध सिलेंडर

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रानीवाड़ा.

जोधपुर में दो बड़े गैंस कांड होने के बाद भी जालोर जिले के कई जगहों पर लापरवाही बरती जा रही हैं। शनिवार को घरेलू गैस के कॉमर्शियल यूज, गैस सिलेंडर की अवैध रिफलिंग, अवैध भण्डारण की रोकथाम और गैंस एजेंसी निरीक्षण के लिए रसद विभाग के संयुक्त टीम ने शनिवार को रानीवाड़ा के कई स्थानों पर कार्रवाई तो लापरवाही सामने आई। जिला रसद अधिकारी पूनम चौधरी और प्रवर्तन निरीक्षक प्रदीप परिहार ने महावीर गैस सर्विस एजेंसी रानीवाड़ा के निरीक्षण में अनियमितताओं पर नोटिस दिया गया।

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इसी प्रकार रानीवाड़ा बाई पास रोड़ पर सरिया देवी मंदिर के पास टीन शेड के गोदाम पर दबिश दी गई, जिसमें गो गैस कंपनी के 104 भरे हुए गैस सिलेण्डर और 78 खाली सिलेण्डर व्यावसायिक श्रेणी के पाए गए। इस पर कार्रवाई करते हुए गोदाम को सील किया गया।टीम द्वारा रानीवाड़ा बाई पास रोड़ पर श्री राजाराम ट्रोली रिपेयरिंग परिसर में घरेलू गैस सिलेण्डर को गैस कटिंग मशीन में लगाकर व्यावसायिक उपयोग में काम लेने पर सिलेण्डर को जब्त कर मामला दर्ज किया गया।

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सांसद पटेल ने स्वास्थ्य मंत्री से की मुलाकात, जालोर में मेडिकल कॉलेज की रखी मांग

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जालोर. जालोर-सिरोही लोकसभा सांसद देवजी एम पटेल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात कर जालोर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने की मांग रखी। सांसद पटेल ने मुलाकात के दौरान मंत्री मांडविया को बताया कि जालोर जिला चिकित्सा एवं शिक्षा की दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा हुआ हैं। जालोर जिला जोधपुर संभाग मुख्यालय से 140 किमी दूर स्थित हैं।

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जालोर जिला मुख्यालय स्थित सबसे बडे अस्पताल में मात्र 150 बेड उपलब्ध हैं। जिले में 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 72 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 425 उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है, जालोर जिले में कई गांवों में उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं हैं। इस प्रकार जालोर जिले में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी हैं। जालोर जिले में मेडिकल कालेज के लिये जिला मुख्यालय के पास ग्राम लेटा में 8 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि राष्ट्र के सभी लोगों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। सांसद पटेल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया से स्थानीय लोगों को गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए जालोर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी करने का अनुरोध किया।

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सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई ने विश्नोई समाज के साथ धोखा किया, समाज की संस्था को रातोंरात रजिस्ट्रेशन करवाकर अध्यक्ष बने – हीरालाल विश्नोई

– पूर्व विधायक हीरालाल विश्नोई ने सहकारिता विभाग को की शिकायत, जांच शुरू

सांचौर. सांचौर के विधायक व राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई पर गंभीर आरोप लगे हैं। विश्नोई समाज की संस्थान का रातोंरात रजिस्ट्रेशन कर खुद के लोग कमेटी में सदस्य बनाने का आरोप लगाया हैैं। यह गंभीर आरोप सांचौर से दो बार विधायक रह चुके कांग्रेस नेता व विश्नोई समाज के विकास में अहम योगदान देने वाले हीरालाल बिश्नोई ने लगाया हैं। हीरालाल बिश्नोई ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को शिकायत भेजकर इसकी जांच की मांग की हैं, जिसके बाद सहकारिता विभाग जालोर ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। एक टीम पूछताछ के लिए सांचौर भी गई। हीरालाल ने सहकारिता मंत्री को दी शिकायत में बताया कि सांचौर में बिश्नोई समाज ने चंदा इकठ्ठा करके एक धर्मशाला बनाई गई। धर्मशाला के प्रबंधन के लिए एक कमेटी गठित की। इस कमेटी की बगैर किसी को बताए व सूचना दिए श्रम राज्यमंत्री ने सहकारिता विभाग में सोसायटी के नाम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेटशन करवा दिया। इसका नाम श्री विश्नोई धर्मशाला प्रबंधन सोसाइटी रखा है। इसके अध्यक्ष स्वयं सुखराम बिश्नोई बन गए और अपने दो सहयोगियों को अन्य पद सौंप दिए। हीरालाल का कहना है कि न तो समाज के लोगों को सोसाइटी में शामिल किया गया है और ना ही इसके चुनाव करवाए गए हैं। न ही सोसायटी की कभी बैठक होती है।

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हीरालाल विश्नोई का अहम रोल था धर्मशाला बनवाने में

हीरालाल विश्नोई समाज के कार्य करवाने में उनका अहम रोल रहा हैैं। उनके समय समाज की धर्मशाला बनवाने के साथ-साथ बालिका छात्रावास भी बनवाया हैं। लेकिन उसके बाद समाज विकास को लेकर कोई कार्य नहीं हुए हैं। अब आरोप हैं कि सुखराम विश्नोई ने बिना सूचना सोसायटी बनाकर खुद अध्यक्ष बनकर बैठ गए हैं।

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हमनें चंदा इकठ्ठा करके धर्मशाला बनाई हैं। जब मैं विधायक भी नहीं था। अब मंत्री जी ने बगैर समाज का सूचना दिए इसकी सोसायटी बना दी और खुद अध्यक्ष बन गए। पहले तो कहा था कि कोई भी अध्यक्ष बनो, उन्हें आपत्ति नहीं है, जबकि उन्होंने व उनके सहयोगियों ने सोसायटी के पद हथिया लिए हैं। – हीरालाल बिश्नोई, पूर्व विधायक सांचौर

वैसे मेरे पास ऐसी कोई शिकायत की कॉपी नहीं आई हैं। हीरालाल जी जो कह रहे हैं, वह गलत हैं। – सुखराम बिश्नोई, श्रम एवं राज्यमंत्री

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जालोर के सर्किट हाउस में वीवीआईपी सुईट का शुभारंभ: 38.10 लाख रूपए में बनकर हुआ तैयार, कई सुविधाएं मिलेगी इसमें

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– प्रभारी मंत्री व जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष ने सर्किट हाउस में नवनिर्मित वीवीआईपी सुईट कक्षों का किया लोकार्पण

जालोर. जिले के प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने वर्चुअल रूप से तथा जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने सर्किट हाउस में फीता काटकर सर्किट हाउस में नवनिर्मित वीवीआईपी सुईट कक्षों का लोकार्पण किया। राज्य के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामणिया ने अपने वर्चुअल उद्बोधन में कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में विकास की कड़ी में सर्किट हाउस जालोर में वीवीआईपी सुईट कक्षों का निर्माण जिले के लिए वरदान साबित होगा तथा ये राज्य सरकार की ओर से दी गई सौगातों के रूप में एक सौगात है। जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि सर्किट हाउस में नवनिर्मित वीवीआईपी सुईट कक्षों के निर्माण से इनमें रूकने वाले जनप्रतिनिधि व अधिकारी आमजन से रूबरू होकर जनहित की बात करेंगे। जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनाये गये वीवीआईपी सुईट कक्षों के निर्माण कार्य की सराहना की।

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जिला कलक्टर निशांत जैन ने सर्किट हाउस के विकास की कार्ययोजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वीवीआईपी सुईट कक्षों के निर्माण में 38.10 लाख रूपये व्यय हुए है। इन कक्षों में बाहर से आने वाले जनप्रतिनिधि व अधिकारी जनसुनवाई कर आमजन की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कर सकेंगे।
जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला ने नवनिर्मित कक्षों के इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह जिले के लिए उपयोगी साबित होंगे। कार्यक्रम के अंत में अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर जिला स्तरीय बीस सूत्री कार्यक्रम समिति के सदस्य सवाराम पटेल,, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु, जालोर उपखण्ड अधिकारी दौलतराम चौधरी, समाजसेवी उमसिंह चांदराई, पूर्व प्रधान भंवरलाल मेघवाल, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अनिल माथुर सहित विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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सांचौर-रानीवाडा सड़क पर बोलेरो कैंपर पलटी, 13 जने घायल, सभी रिश्तेदार

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रानीवाडा.

रिश्तेदार की शादी में शामिल होने जा रहे 15 लोगों से भरी बोलेरो कैंपर रविवार दोपहर को रानीवाड़ा-सांचौर स्टेट हाईवे पर कूड़ा सरहद में अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में 13 जने घायल हो गए, जिसमें 4 जनों की हालात गंभीर बनी हुई हैं। जानकारी के अनुसार सेवाड़ा से करीब 15 रिश्तेदार बोलेरो कैंपर में सवार होकर सेवाड़ा से मैत्रीवाड़ा जा रहे थे। कूड़ा सरहद में अचानक अनियंत्रित होकर गाड़ी पलट गई।

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हादसे में सेवाड़ा निवासी भावना (11) पुत्री मफाराम, बेसरा राम (20) पुत्र सोमाराम, आसुराम (30) पुत्र नारणाराम, धुखाराम (45) पुत्र लखमा राम, गणेशाराम (75) पुत्र गजाजी, बेसराराम (40) पुत्र जोराजी, हरजीराम (50) पुत्र लखमाराम, कालाराम (50) पुत्र सुरजाराम, मथरा देवी (50)पत्नी बेसराराम, सविता (5) पुत्री चतराराम, संगीता (6) पुत्री कानाराम, सुखी देवी (35) पत्नी कानाराम, विकास (9) पुत्र कानाराम देवासी घायल हो गए। यह सभी मैत्रीवाडा में एक रिश्तेदार की शादी में जा रहे थे।

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जालोर का हार्डकोर अपराधी जयपुर में पकड़ा, डेढ किलो अफीम भी था पास में

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जालोर. जालोर जिले के हार्डकोर अपराधी सहित दो को गुरुवार को जयपुर की बगरू पुलिस थाना टीम ने धर दबोचा। अपराधियों के पास से 1 किलो 37 ग्राम अवैध मादक पदार्थ अफीम जब्त की गई। परिवहन में काम में ली गई एसयूवी को भी जब्त कर लिया गया। बगरू पुलिस थाना की ओर से की गई नाकाबंदी में अजमेर की तरफ से आ रहे एक वाहन को रोककर पूछताछ के बाद प्रकाश विश्नोई और विष्णु विश्नोई को हिरासत में लिया गया। चालक सीट के नीचे अवैध भारी मात्रा में अफीम बरामद की गई। प्रकाश विश्नोई जालोर के चितलवाना थाना क्षेत्र के सादुल की ढाणी का निवासी है। इस पर आबकारी अधिनियम सहित अन्य अपराध के 34 मुकदमे दर्ज है। इसमें से 14 मुकदमे जालोर जिले के चितलवानाए झाबए बागोड़ाए भीनमालए करड़ा और सांचौर पुलिस थाना में दर्ज है। विष्णु विश्नोई जोधपुर का रहने
वाला है। उस पर 5 मुकदमे दर्ज है।

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लंबे समय से जालोर पुलिस को थी तलाश 

IMG 20221202 WA0108 जालोर का हार्डकोर अपराधी जयपुर में पकड़ा, डेढ किलो अफीम भी था पास में jalore news

जानकारी के अनुसार प्रकाश के खिलाफ जालोर जिले के थानों में भी कई मामले दर्ज हैं। ऐसे में जालोर पुलिस को भी इसकी लंबे समय तलाश थी। कुछ समय पहले टोल को लेकर हुए विवाद में भी प्रकाश का नाम सामने आया था। अब प्रकाश को जालोर पुलिस भी यहां पर लेकर आएगी।

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सांचौर: पुलिस पकड़ने गई चोरी के आरोपी को छुड़वाया, भीखाराम गुरू समेत 4 जनों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज

– पुलिस के साथ गाली गलौच करते हुए वीडियो भी किया वायरल

सांचौर. करीब 3 साल पहले सांचौर में नर्मदा विभाग अधिकारियों के साथ गाली गलौच करते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद चर्चा में आए धमाणा निवासी भीखाराम गुरू के खिलाफ अब पुलिस के साथ राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज हुआ हैं। पुलिस ने अब भीखाराम की गिरफ्तारी को लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार दो दिन पहले सांचौर पुलिस वाहन चोर को गिरफ्तार करने के लिए पुर गांव में पहुंची थी। पुलिस ने एक घर पर दबिश देकर सत्यप्रकाश नाम के युवक को दबोच लिया। इस दौरान वहां पर मौजूद धमाणा निवासी भीखाराम गुरू समेत 4 अन्य लोगों ने पुलिस के हाथों से युवक को छुडवाते हुए गाली गलौच करना शुरू कर दिया। वहीं वीडियो बनाते हुए उसमें भीखाराम पुलिस के साथ गलौच करता रहा एवं उसके बाद इस वीडियो को वायरल भी कर दिया।

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पहले भी जेल जा चुका

2019 के दौरान धमाणा गांव में अवैध पाइप डालकर पानी चोरी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने पुलिस व नर्मदा विभाग के अधिकारी पहुंचे तो वहां पर भी भीखाराम ने नर्मदा अधिकारी के साथ गाली गलौच शुरू कर दी। उसके बाद नर्मदा अधिकारियों ने राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज करवाया, जिसके बाद भीखाराम कई दिनों तक जेल में रहा।

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जालोर में कार्यरत एएसपी व पत्नी पर लाखों रुपए ठगने का आरोप…

– कोचिंग खोलकर गारंटी से सरकारी भर्ती में सिलेक्शन का झांसा देते थे

जोधपुर. जालोर में महिला अपराध युनिट के एएसपी नरेंद्र चौधरी व उनकी पत्नी ने मिलकर जोधपुर शहर में कोचिंग क्लास चलाते हुए विद्यार्थियों से ठगी करने का मामला सामने आया हैं। जोधपुर के रातानाड़ा में करीब 10 साल पहले अर्जुन क्लासेज के नाम से कोचिंग संस्थान शुरू करते हुए युवाओं को झांसा दिया कि वे गारंटी से उनका सिलेक्शन कराएंगे। दावा के साथ स्टाम्प भी लिखकर दिया कि नौकरी नहीं लगी तो कोचिंग की शत प्रतिशत फीस भी 45 दिन के अंदर वापिस लौंटा देंगे। इस झांसे में तैयारी कर रहे कई स्टूडेंट फंस गए व फीस दे दी। सैंकडों विद्यार्थियों का चयन नहीं हुआ तो उन्होंने पैसा लौटाने की मांग पर धमकी या किसी को जाली चेक दे दिया। सोमवार को इनमें से कुछ छात्रों ने रातानाड़ा थाने पहुंचकर शिकायत दी। आरोप है कि पुलिस अधिकारी का मामला होने के कारण पुलिस उचित कार्रवाई नहीं कर रही है। छात्रों ने रातानाड़ा पुलिस के 41 पीड़ित स्टूडेंट्स की लिस्ट दी है। जिनसे 1 से डेढ़ लाख रुपए लिए गए थे। एएसपी नरेंद्र चौधरी जोधपुर में अर्जुन क्लासेस के अलावा शगुन रिसोर्ट का भी मालिक है। 2012-13 में जोधपुर में अर्जुन कोचिंग क्लासेज खोली गई थी। उसमें कॉन्स्टेबल भर्ती में गारंटी से पास करवा कर नौकरी दिलाने का दावा किया था।

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पीड़ित स्टूडेंट एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी से मिले तो उन्होंने मामला दर्ज करवाने की बात कही

जानकारी के अनुसार जोधपुर में सोमवार को बड़ी संख्या में विद्यार्थी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी के जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन देकर पुलिस को शिकायत करने की बात की थी। छात्र पुलिस उपायुक्त पूर्व अमृता दुहन से मिले। बाद में उन्हें रातानाडा थाने भेजा गया। आज रातानाडा पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है। और जांच अब एसीपी निशांत भारद्वाज कर रहे हैं। एक पीड़ित छात्रा मनोहर कुमारी ने बताया कि फीस जमा कराते समय भरोसा दिलाया था कि सिलेक्शन होगा तो फीस रख लेंगे, नहीं हुआ तो लौटा देंगे। 2016 में वैकेंसी आई। परिणाम पक्ष में नहीं आया। संचालक नरेंद्र चौधरी से संपर्क किया तो कहा कि पैसे दे देंगे। 2 साल तक टालते रहे फिर कोरोना आ गया। तब बहाना बनाया कि संस्थान बंद था। ऐसे ही 2021 भी निकल गया। कई स्टूडेंट थे जिनका सिलेक्शन नहीं हुआ था। अकेले जाते तो टाल देते थे। चक्कर कटाए जाते थे। कुछ को चेक दिए जो बाउंस हो गए। कोर्ट केस हुआ तो नोटिस का जवाब भी नहीं देते। थाने में शिकायत ली है। लेकिन पुलिस भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे रही है। कोचिंग संचालक व एएसपी की पत्नी सीमा चौधरी ने बताया कि हमारे परिवार द्वारा संचालित इंस्टिट्यूट हैं। 20 साल से चल रहा हैं। वर्तमान में भी 100 से अधिक स्टूडेंट कोचिंग ले रहे हैं। कोविड के समय क्लासेज बंद होने से व्यवस्था बिगड़ गई थी। 40 लाख के करीब स्टूडेंट्स का ड्यू चल रहा हैं दो महीने में सभी को पैसा लौटा दिया जाएगा। वर्तमान में भी इंस्टॉलमेंट चालू हैं।

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जालोर : ग्रेनाइट से लदे ट्रक वालों के पास थे मकराना की फर्जी फर्म के बिल, 2.75 लाख रु. वसूले

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– स्टेट जीएसटी टीम की जालोर में कार्रवाई, दोनों में अलग-अलग पेनल्टी वसूली गई

जालोर में स्टेट जीएसटी टीम ने फ्रॉड बिलिंग और बिना ई-वे बिल ग्रेनाइट का परिवहन करने पर दो ट्रक जब्त किए। दोनों से 3.45 लाख रुपए की पेनल्टी वसूली। उपायुक्त प्रकाश जाणी ने बताया कि पहला प्रकरण फ्रॉड बिलिंग से जुड़ा हुआ है। जिसमें मकराना की फर्जी फर्म के नाम से फ्रॉड बिलिंग की गई। जबकि ग्रेनाइट का जालोर से लदान किया गया। यह ट्रक जालोर से तैयार ग्रेनाइट को लेकर पुलवामा (जम्मू एंड कश्मीरद) के लिए रवाना हुआ। जब टीम को गड़बड़ी की भनक लगी तो दस्तावेजों को जांचा गया। जिसमें फ्रॉड बिलिंग के तथ्य सामने आए। इस पर जब्त माल की पेनल्टी का आकलन किया गया। वहीं 2 लाख 75 हजार रुपए पेनल्टी वसूली गई। इसी तरह दूसरे प्रकरण में जीएसटी टीम ने जालोर से नागौर जा रहे ग्रेनाइट से लदे ट्रक को पकड़ा। इस ट्रक में लदे गुड्स का ई-वे बिल नहीं था। इस पर टीम ने इस मामले में 70 हजार रुपए की पेनल्टी वसूली।

गड़बड़ी का बड़ा खेल, लेकिन कार्रवाई भी जारी

ई-वे बिल के बिना ग्रेनाइट समेत अन्य सामान के ट्रांसपोर्टेशन पर विभाग ने पिछले छह माह में अनेक कार्रवाई की है। इसी तरह की गड़बड़ी जुलाई माह में भी पकड़ी गई थी। जिसमें जीएसटी टीम ने ग्रेनाइट से लदे एक ट्रेलर को पकड़ा था। इस ट्रेलर की भी फ्रॉड बिलिंग की गई थी। मामले में किशनगढ़ से कर्नाटक का बिल जारी किया गया थाए जबकि ग्रेनाइट जालोर से लोड किया गया था। इस प्रकरण में 1 लाख 44 हजार वसूले गए थे।

जालोर नागरिक बैंक में फर्जी खाता खुलवाकर ग्रेनाइट उद्यमी के खाते से हड़पे 8.60 लाख रूपए, मास्टर मांइड गिरफ्तार

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– 30 जून को जालोर ब्रांच में खुलवाया था बैंक का खाता, उसके बाद चैक डालकर रूपए उठा लिए

जालोर. करीब 6 माह पहले ग्रेनाइट उद्यमी के खाते से 8.60 लाख रूपए हड़पने का पुलिस ने खुलासा करते हुए मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया। यह धोखाधड़ी ग्रेनाइट उद्यमी के पूर्व कर्मचारी ने की हैं। उन्होंने बैंक में फर्जी खाता खुलवाते हुए यह रूपए हड़प लिए हैं।

पुलिस के अनुसार 4 अक्टूबर को औद्योगिक तृतीय चरण में स्थित फैक्ट्री मालिक किशनलाल पुत्र रामचन्द्र जाट ने रिपोर्ट पेशकर बताया कि जालोर नागरिक सहकारी बैंक में रूपए जमा करवाने गया तो स्टेंटमेंट भी लिया। जांच करने पता लगा कि 3 जून को हीरा पुत्र भीमाजी के खातंे में मेरे खाते से 8.60 लाख रूपए जमा हो गए, जबकि मैंने ऐसा चैक कभी भी नहीं दिया था। पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की तो जालोर शहर निवासी मुख्य आरोपी एवं मास्टर माईंड अंजुमन कॉलोनी, जालोर निवासी आरीफ एन रसीक पुत्र निजामुदीन मुसलमान को गिरफ्तार कर लिया।

ऐसे हड़पे रूपए : शराबी के नाम खाता खोला व उसके खातें में चैक डाल दिया

आरोपी आरिफ ने चैक फैैक्ट्री से चुरा लिया था। उसके बाद पाली के जाखोड़ा निवासी हीरा पुत्र भीमा राम के नाम से खाता खुलवाया। हीरा शराबी था तो उसका खाता खुलवाकर उसमें चैक डाल दिया। आरिफ ने हीरा का एटीएम कार्ड खुद के पास रख लिया। रूपए खाते में आते ही निकालना शुरू कर दिया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 4 लाख रूपए भी बरामद कर लिए।

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जालोर को नर्सिंग कॉलेज की सौंगात: 21 करोड़ में बनेगा नर्सिंग मेडिकल कॉलेज, सीएम ने किया वर्चुअल शिलान्यास

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– अप्रैल 2024 में बनकर तैयार हो जाएगा भवन, पाली से सीएम जुड़े वर्चुअल उद्घाटन में

जालोर. प्रदेश के 18 जिलों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साथ वर्चुअल के माध्यम से नर्सिंग महाविद्यालय का शिलान्यास किया। इसमें जालोर जिला भी शामिल रहा। जालोर जिला मुख्यालय पर जालोर क्लब में आयोजित वर्चुअल शिलान्यास  मुख्य अतिथि के रूप में जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर तथा अतिथि के रूप में पूर्व जिला प्रमुख मंजू मेघवाल, पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, पीसीसी सदस्य सवाराम पटेल, राज्य भूदान बोर्ड के सदस्य नैनसिंह राजपुरोहित, युवा बोर्ड के सुनील पुरोहित, डॉ. शमशेर अली व भंवरलाल मेघवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किये गये नर्सिंग कॉलेजों के शिलान्यास का लाइव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के दौरान पाराशर ने कहा कि शिलान्यास के उपरान्त शीघ्र ही राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय भवन का निर्माण कार्य शुरू होगा तथा इसके पूर्ण होने पर जिले के छात्र-छात्राओं को नर्सिंग शिक्षा की सुविधा मिलेगी। वही छात्रावासों का निर्माण होने से उन्हें आवास की भी सुविधा उपलब्ब होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जिले में किये गये नवाचार ‘चिरंजीवी जालोर’
अभियान द्वारा जिले में शत-प्रतिशत गांवों के परिवारों का पंजीकरण कर उन्हें स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिलाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जालोर जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए प्रयासरत है।जालोर जिला मुख्यालय पर टाउन हॉल का निर्माण अगले वर्ष तक पूर्ण हो जायेगा जिससे शहरवासियों का इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर ही शीघ्र ही आरओबी का लाभ मिलेगा जिससे यातायात की व्यवस्था सुधरेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत 4 वर्षों में विकास के एतिहासिक कार्य हुए हैं जिससे आमजन को लाभ मिला हैं। उन्होंने कहा कि जालोर से बागरा फोरलेन का कार्य भी जल्दी शुरू किया जायेगा जिससे ग्रेनाइट उद्योग सहित आमजन का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने जिले के जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप त्रिस्तरीय जनसुनवाई के तहत प्रथम, द्वितीय व तृतीय गुरूवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में उपस्थित होकर आमजन की समस्याओं का समाधान करवा उन्हें राहत प्रदान करावें। जिला कलेक्टर निशान्त जैन ने कहा कि राज्य सरकार के आगामी बजट के लिए आमजन की ओर से सुझाव आमंत्रित किये गये है जिससे आने वाला बजट आमजन के लिए हितकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जनउपयोगी
योजनाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन किय जा रहा हैं। उन्हांने कहा कि सम्पर्क पोर्टल व त्रिस्तरीय जनसुनवाई के दौरान आमजन द्वारा प्रस्तुत की जा रही परिवेदनाओं का उचित निस्तारण किया जा रहा हैं। समारोह में पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, पूर्व जिला प्रमुख मंजू मेघवाल, सवाराम पटेल, डॉ. शमशेर अली ने भी संबोधित करते हुए नर्सिंग कॉलेज के शिलान्यास की बधाई देते हुए कहा कि इससे जिलेवासियों को लाभ मिल सकेगा।

21 करोड में बनेगा नर्सिंग कॉलेज का भवन

WhatsApp Image 2022 11 22 at 9.02.42 PM जालोर को नर्सिंग कॉलेज की सौंगात: 21 करोड़ में बनेगा नर्सिंग मेडिकल कॉलेज, सीएम ने किया वर्चुअल शिलान्यास jalore news

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु ने चिकित्सा विभाग की विभिन्न योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। सीएमएचओ डॉ.रमाशंकर भारती ने कार्यक्रम का परिचय एवं स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम के अंत में अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन अम्बिका प्रसाद तिवारी ने किया। गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा में जालोर जिला मुख्यालय पर राजकीय नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की घोषणा की गई थी। राजकीय नर्सिंग कॉलेज जालोर के भवन निर्माण एवं छात्र-छात्राओं के छात्रावास के लिए ग्राम लेटा में 2 हैक्टेयर भूमि निःशुल्क आवंटित की जा चुकी है तथा नर्सिंग कॉलेज भवन व दोनों छात्रावासों के निर्माण के लिए कार्यकारी एजेन्सी आरएसआरडीसी का चयन किया गया हैं। राज्य सरकार द्वारा राजकीय नर्सिंग कॉलेज जालोर के भवन व दोनों छात्रावासों के निर्माण के लिए 2103.56 लाख रूपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है साथ ही नर्सिंग कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियों के सफल संचालन के लिए 16 शैक्षणिक एवं 28 गैर शैक्षणिक संकाय के पदों का सृजन भी किया गया है। इस अवसर पर जालोर उपखण्ड अधिकारी पूनम चौधरी,
पीएमओ डॉ. पूनम टांक, जुल्फीकार अली भुट्टो, उमसिंह चांदराई, लेटा सरपंच शान्ति देवी चौधरी, जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी मीणा, सरपंच संघ के अध्यक्ष भंवरसिंह, जवानाराम परिहार, सहित जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी,
गणमान्य नागरिक, नर्सिंग प्रशिक्षणार्थी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित आमजन उपस्थित रहे।

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अवैध रॉयल्टी वसूली पर गुस्साए आहोर के ग्रामीण, बोलें – गुंडों को यहां लाकर छोड़ा, आतंक फैला रहे हैं

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– बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट, एडीएम को ज्ञापन देकर सौंपा ज्ञापन

आहोर.
क्षेत्र में शुरू में बजरी रॉयल्टी के विरोध में ग्रामीण आ गए। सोमवार को आहोर उपखंड क्षेत्र से बडी संख्या में पहुंचे ग्रामीणांे ने एडीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर अवैध वसूली कर रहे बजरी ठेकेदारों के खिलाफ
कार्यवाही की मांग उठाई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ समय पहले बजरी रॉयल्टी की लीज शुरू हुई थी, लेकिन यहां पर निर्धारित दर से 1900 रूपए अधिक ठेकेदार वसूली कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने चेतावनी दी हैं कि आगामी तीन दिनों तक प्रशासन इन पर कार्यवाही करते हुए पाबंद नहीं करते हैं तो बडी संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट के आगे भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

गुंडागर्दी का भी आरोप

हरजी ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष करणसिंह थांवला ने बताया कि बजरी रॉयल्टी कर्मचारी करीब 15 बिना नबंर की गाडी लेकर क्षेत्र में आए हैं। यह यहां पर खुलेआम गाड़ियों में तलवार व अन्य हथियार लेकर घूमते रहते है, जिससे हर समय यहां पर वारदात का डर बना रहता। साथ ही यह बदमाश यहां पर चोरी की वारदात को भी अंजाम दे रहे हैं।

गुजरात चुनावाें में सप्लाई में हाेने जा रही शराब काे सांचौर पुलिस ने बॉर्डर से 10 किमी पहले पकड़ा

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– 50 लाख रुपए की थी शराब, बड़सम पुलिया पर की कार्रवाई‎

जालोर. सांचौर पुलिस ने शनिवार को बड़ी‎ कार्रवाई करते हुए अवैध शराब से‎ भरा ट्रक बरामद करने की सफलता‎ हासिल की। यह शराब गुजरात‎ सप्लाई के लिए जा रही थी। पुलिस‎ के अनुसार शनिवार को एसपी‎ हर्षवर्धन अग्रवाला के निर्देशानुसार‎ थानाधिकारी निरंजन प्रताप सिंह के‎ नेतृत्व में सांचौर शहर से निकलते‎ ही बड़सम पुलिया पर सांचौर पुलिस ने नाकाबंदी की।‎ इस दौरान शराब से भरा ट्रक‎ दस्तयाब करते हुए चितलवाना‎ निवासी लादूराम पुत्र गंगाराम‎ विश्नोई व बाड़मेर के धोरीमन्ना‎ भूनिया निवासी रमेश कुमार पुत्र‎ बीरबलराम विश्नोई को गिरफ्तार‎ कर लिया। पुलिस आरोपियों से‎ अब शराब के मुख्य आरोपियों की‎ तलाश कर रही है। पुलिस ने ट्रक‎ से 1270 कार्टन अवैध शराब‎ बरामद की है। पुलिस के अनुसार अवैध शराब की कीमत करीब 50‎ लाख रुपए की है।‎

गुजरात‎ होनी थी सप्लाई शराब

पुलिस‎ के अनुसार यह शराब गुजरात में‎ सप्लाई होनी थी। गुजरात में‎ वर्तमान विधानसभा चुनाव चल‎ रहे हैं। ऐसे में पुलिस को अंदेशा है‎ कि चुनावों को लेकर शराब‎ गुजरात जा रही थी। पुलिस दोनों‎ आरोपियों से उसी बात को लेकर‎ पूछताछ कर रही है। शराब पंजाब‎ से भरकर आरोपी सांचौर तक‎ लेकर आ गए थे। बॉर्डर से मात्र‎ 10 किलोमीटर पहले ट्रक पुलिस‎ ने पकड़ लिया।‎

दलित स्टूडेंट के घर पहुंचे भीम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष:सुराणा-पोषाणा गांव में 700 जवान तैनात

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नेताओं के आज व कल होने वाले दौरे को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

टीचर की कथित पिटाई से दलित स्टूडेंट की मौत के बाद पीड़ित के घर नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। घटना के बाद से ही प्रदेश में संवेदना, सहानुभूति की राजनीति तेज है। जालोर के सुराणा गांव में मंगलवार को दिनभर मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों का चक्कर लगता रहा। गांव में 6 जिलों के 700 जवान तैनात किए गए हैं।

आज भीम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतपाल तंवर सुराणा गांव पहुंचे। एआईसीसी राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, मंत्री परसादी लाल मीणा सहित कई दूसरे राज्यों से दलित समाज के नेताओं के आने की संभावना है। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य शिव भगवान नागा भी सुराणा गांव आएंगे। । गुरुवार को भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद आएंगे।

जालोर के सुराणा गांव में नेताओं के दौरे को देखते हुए सियावट तिराहे पर तैनात पुलिस फोर्स।
जालोर के सुराणा गांव में नेताओं के दौरे को देखते हुए सियावट तिराहे पर तैनात पुलिस फोर्स।

भीम सेना और भीम आर्मी के नेताओं के आज व कल होने वाले दौरे को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। दलित नेताओं के लिए कार्यक्रमों को लेकर सुराणा के पास पोषाणा गांव में सरकारी खर्च पर 2 जेसीबी, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और पुलिस तैनात है। कलेक्टर निशांत जैन ने कहा कि यहां पार्किंग की व्यवस्था करवा रहे हैं।

जबकि मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के घर से सभास्थल की दूरी 20 किलोमीटर है। वहीं, जालोर मुख्यालय सहित सुराणा में बाहर से आने वाले रास्तों के पॉइंट पर पुलिस फोर्स तैनात है। जिले की पुलिस के साथ ही मेवाड़ भील कोर पुलिस दल को बुलाया गया है।

जिला प्रशासन ने सुराणा के पास पोषणा गांव में जेसीबी की मदद से खेत को समतल करवाया।
जिला प्रशासन ने सुराणा के पास पोषणा गांव में जेसीबी की मदद से खेत को समतल करवाया।

मंत्रियों के साथ पीड़ित परिवार से मिले डोटासरा

इससे पहले मंगलवार को गहलोत सरकार के 5 मंत्री, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत 15 विधायक सुराणा पहुंचे थे। मंगलवार सुबह 9 बजे से यहां पर नेताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। सबसे पहले जैसलमेर विधायक रूपाराम मेघवाल पहुंचे।

उनके बाद राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी भी पहुंचीं और मृतक परिवार को 1 लाख की सहायता राशि सौंपी। उसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पहुंचे। उनके साथ पीडब्लूडी मंत्री भजनलाल जाटव, जालोर के प्रभारी मंत्री अर्जुनराम बामणिया, आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल, बाल अधिकारिता मंत्री ममता भूपेश समेत कुछ विधायक सुराणा पहुंचे थे।

PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री गोविंद मेघवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश सहित कई नेता एक साथ सुराणा गांव पहुंचे।
PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री गोविंद मेघवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश सहित कई नेता एक साथ सुराणा गांव पहुंचे।

20 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद जालोर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता छात्र के परिजनों को देने की घोषणा की। डोटासरा ने बताया कि एसटी-एससी का कानून है, उसके अनुसार परिवार को सवा 8 लाख रुपए मिलेंगे।

पहली किस्त 4 लाख 12 हजार की मिल चुकी है। दूसरी किस्त 4 लाख 13 हजार रुपए चालान होते ही मिल जाएगी। स्कूल में हुई घटना की सरकार व शिक्षा विभाग जांच कर रहा है। परिवार के अन्य बच्चों की पढाई की व्यवस्था सरकार कर रही है। पीड़ित परिवार की मांग के अनुसार एक कॉन्स्टेबल को तो पहले से निलंबित कर दिया गया है।

दलित अत्याचार पर राज्य सरकार बड़ा कदम उठाए: सचिन पायलट

डोटासरा समेत मंत्रियों के जालोर पहुंचने के बाद वन मंत्री हेमाराम चौधरी समेत कुछ विधायकों के साथ सचिन पायलट भी मंगलवार को पीड़ित के घर पर पहुंचे। इस दौरान परिजनों ने पुलिस पर सही जांच नहीं करने का आरोप लगाया। पायलट ने कहा कि दलितों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर राज्य सरकार को बड़ा कदम उठाना चहिए। उन्होंने कहा इंद्र के पिता कह रहे हैं कि परिवार के साथ पुलिस ने गलत व्यवहार किया था। एडीएम पर भी आरोप लगा रहे हैं, इस पर सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, वन मंत्री हेमाराम चौधरी समेत कुछ विधायकों के साथ पीड़ित के घर पर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, वन मंत्री हेमाराम चौधरी समेत कुछ विधायकों के साथ पीड़ित के घर पर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी।

सुराणा में अस्थाई पुलिस चौकी की स्थापित

मंगलवार को परिजनों से मिलने आए सचिन पायलट व गोविंद सिंह डोटासरा से सुरक्षा को लेकर मांग की गई थी। सायला थानाधिकारी ने बताया कि गांव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए ग्राम पंचायत भवन में चौकी स्थापित कर दी है। हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल तैनात किए गए हैं।

36 कौम एकजुट, बोले- टीचर को सजा मिले, पर जातिवाद न भड़काएं

जातिवाद व छुआछूत का आरोप लगने के बाद गांव में आक्रोश है। सभी समाजों के साथ दलित वर्ग भी महापड़ाव में शामिल हैं। उनका कहना है गांव का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री गांव आए तो उन्हें ज्ञापन देकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्कूल का हेड मास्टर आरोपी है तो उनको सजा मिलनी चाहिए, लेकिन मामले को जातिवाद से जोड़कर गांव को बदनाम न किया जाए।

सोमवार देर रात को भीम सेना के प्रदेश अध्यक्ष रवि कुमार मेघवाल के साथ बनवारी लाल,लक्ष्मीकांत और पूर्व सरपंच भागचंद बैरवा पानी की टंकी पर चढ़ गए थे।

मुआवजे की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े दलित नेता

मामले को लेकर मंगलवार को जयपुर में चार दलित नेता पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। हालांकि देर रात सभी को नीचे उतार लिया गया। उनकी डिमांड थी कि सरकार मुआवजा बढ़ाए और परिवार के दो लोगों को नौकरी दे।

​​​​​​ जिले में 24 घंटे से बारिश का दौर जारी

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जालोर जिले में 24 घंटे से बारिश का दौर जारी है। कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होने से शहर में कई कॉलोनियों में पानी भर गया। आज सुबह 8 बजे तक बीते 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश रानीवाड़ा में 77 एमएम दर्ज की गई है। जालोर में 47 एमएम, आहोर में 25 एमएम, भीनमाल में 11 एमएम, बागोड़ा में 28 एमएम, जसवंतपुरा में 75 एमएम, चितलवाना में 65 एमएम और सांचोर में 26 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इसके साथ ही जिले के 5 बांधों में पानी की अच्छी आवक हुई है।

बारिश का दौर जारी रहने से जालोर शहर में बारिश के बाद कई कॉलोनियों में पानी भर गया। कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से वातावरण में नमी के चलते जिले में लोगों को उमस और गर्मी का सामना भी करना पड़ा है। जिले में दिन का तापमान 32.2 डिग्री और रात का तापमान 25.5 डिग्री तक रहा। जिलेभर में 15 अगस्त की शाम से 17 अगस्त सुबह तक जिले भर में करीब औसत 44.59 एमएम बारिश हुई है। हालांकि जिला मुख्यालय पर 24 घंटे तक रुक-रुककर बारिश का दौर चला। इससे बांध के आसपास के लोगों में खुशी है। बिठन, वणधर, खेड़ा सुमेरगढ़ और बांडी सणधरा बांध में पानी की आवक हुई है। जसवंतपुरा और रानीवाड़ा क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से पहाड़ी इलाकों में झरनों का आनंद लेने के लिए भी पर्यटकों को आवाजाही शरू हो गई है।

जिले में 76 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

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श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने फहराया तिरंगा:उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को किया सम्मानित, जिला स्तरीय अधिकारी रहे मौजूद

जालोर जिले में 76वां स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पूंजाजी गेनाजी स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने ध्वजारोहण किया। इससे पहले उन्होंने परेड का निरीक्षण किया।

मार्च पास्ट में परेड कमांडर अरविन्द कुमार राजपुरोहित के नेतृत्व में राजस्थान पुलिस, होमगार्ड्स, एनसीसी सीनियर, स्टूडेंट पुलिस, मेघवाल समाज और गाइड की टुकड़ियों ने भाग लिया। मार्च पास्ट में मेघवाल समाज ने प्रथम स्थान और एनसीसी सीनियर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। जिन्हें मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने राज्यपाल के संदेश को पढ़कर सुनाया। राज्य में संचालित विकास योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बताया। समारोह में मुख्य अतिथि श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने देश के महापुरूषों और वीर जवानों के त्याग और बलिदान को याद करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लेने की बात कही।

उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल पूरे होने पर पूरा देश हर्षोल्लास के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत आमजन अपने घरों में तिरंगा फहराकर देशभक्ति का संदेश दे रहे हैं। आजादी के इस पर्व पर हम सब देश की एकता और अखण्डता को बनाते हुए आपसी प्रेम और भाईचारे से देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाएं।

मंत्री विश्नोई ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार पारदर्शी, जवाबदेही और सुशासन सरकार के संकल्प के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है।

समारोह में मनस्वा संस्थान द्वारा महिलाओं की आत्मरक्षा कला का प्रदर्शन, जालोर पब्लिक स्कूल द्वारा पिरामिड प्रदर्शन, नेहरू युवा केन्द्र की ओर से लोक कलाकारों द्वारा गैर नृत्य, गोल्डन फ्यूचर पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव थीम पर कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल प्रताप चौक जालोर की छात्राओं द्वारा घूमर नृत्य और महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल शिवाजी नगर जालोर की छात्राओं द्वारा ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ थीम पर नृत्य की सामूहिक प्रस्तुति दी।

1660557258.jpg जिले में 76 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। jalore news

समारोह में मुख्य अतिथि श्रम राज्य मंत्री द्वारा कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर, जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, जिला प्रमुख राजेश कुमार, जिला सत्र एवं सेशन न्यायाधीश सिया रघुनाथदान, जिला कलेक्टर निशांत जैन, जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव वीरेन्द्र कुमार मीणा, नगर परिषद सभापति गोविन्द टांक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. अनुकृति उज्जैनिया, एसडीएम दिनेश चन्द धाकड़, पूर्व विशेष योग्यजन आयुक्त धन्नाराम पुरोहित, एडवोकेट नैनसिंह राजपुरोहित मौजूद रहे।

स्वतंत्रता दिवस पर जिला कलेक्टर निशान्त जैन ने अपने आवास और कलेक्टर कार्यालय पर ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण करने से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित किया। वहीं जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने अपने आवास और कार्यालय पर ध्वज फहराया।

पुलिस पर पथराव-लाठीचार्ज:मृतक स्टूडेंट के मामा सहित आधा दर्जन घायल, रिश्तेदारों को घर से निकाला

जालोर में दलित छात्र के मौत के मामले में मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़, ग्रामीणों ने पत्थरबाजी की. इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग कर लोगो को खदेड़ा. 

जालोर 9 साल के दलित स्टूडेंट की मौत के मामले को लेकर भीम आर्मी के समर्थकों ने रविवार दोपहर पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी जमकर लाठियां फटकारीं। लाठीचार्ज में मृतक स्टूडेंट के मामा समेत 5-6 लोगों को चोटें आई हैं।

प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियां खड़ी कर गांव का रास्ता ब्लॉक कर दिया है। घायलों तक को अस्पताल नहीं ले जा पा रहे हैं। उधर, मामला बिगड़ने की आशंका के चलते प्रशासन ने अगले आदेश तक सुबह से ही जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख के मुआवजे की घोषणा की जा चुकी है। वहीं कलेक्टर ने 4 लाख की सहायता राशि की स्वीकृति दी है। चालान पेश होने के बाद 4 लाख की और सहायता राशि कलेक्टर की ओर से स्वीकृत की जाएगी।

Screenshot 20220814 194634 Dainik Bhaskar पुलिस पर पथराव-लाठीचार्ज:मृतक स्टूडेंट के मामा सहित आधा दर्जन घायल, रिश्तेदारों को घर से निकाला jalore news

मुआवजे पर अड़े परिवार वाले

रविवार को स्टूडेंट की बॉडी गांव पहुंची। घर के आंगन में बॉडी रखकर प्रशासन के साथ बात चल रही थी। परिजनों ने 50 लाख मुआवजा, परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की। इस दौरान भीम आर्मी के लोगों ने कहा कि इसको लेकर मुख्यमंत्री अभी ट्वीट करें, जब हम ट्वीट देखेंगे तभी शव उठाएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा- इसका एक प्रोसेस है।

इस दौरान वहां माहौल गर्मा गया और धक्का-मुक्की हो गई। तभी कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। पुलिस ने मृतक के परिजनों को छोड़कर सभी रिश्तेदारों को घर से बाहर निकाल दिया। शाम करीब साढ़े सात बजे परिवार वालों से मुआवजे पर सहमति बनी और इंद्र का अंतिम संस्कार किया गया।

कलेक्टर और एसपी ने बच्चे के परिजनों से मुलाकात की और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कलेक्टर और एसपी ने बच्चे के परिजनों से मुलाकात की और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

अलग रखी मटकी से पानी पीने की सजा मौत

मामला जालोर के सायला इलाके के सुराणा गांव स्थित सरस्वती स्कूल का है। हेड मास्टर छैल सिंह के लिए अलग रखी मटकी से पानी पीने की कीमत तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले इंद्र कुमार पुत्र देवाराम मेघवाल को जान देकर चुकानी पड़ी। आरोप है कि 20 जुलाई को छैल सिंह ने इंद्र को इतना मारा कि कान के पास गंभीर चोटें आईं। वह कराहते हुए घर पहुंचा और पूरा मामला परिवार वालों को बताया।

इसके बाद पिता और अन्य परिवार वाले उसे हॉस्पिटल लेकर भागे। बागोड़ा, भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर में इलाज कराया था।

इसके बाद बच्चे को अहमदाबाद ले गए। वहां 24 दिन इलाज कराने के बाद 13 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे इंद्र कुमार ने दम तोड़ दिया। थानाधिकारी ध्रुव प्रसाद ने बताया कि छैल सिंह के खिलाफ हत्या और एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

शिक्षक ने जातिगत भेदभाव को नकारा

उधर, रविवार दोपहर करीब 12 बजे इंद्र की बॉडी गांव पहुंच गई है। SC आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी बैरवा भी सोमवार को पीड़ित के परिजनों से मिलने जालोर के सुराणा गांव जाएंगे। गांव के सरस्वती स्कूल के टीचर गटाराम मेघवाल ने बताया कि वह पिछले 5-6 साल से इस स्कूल में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कभी भी यहां पर जातिगत भेदभाव नहीं देखा। गटाराम ने बताया कि पानी की व्यवस्था के लिए एक टंकी लगी है, वहीं पर सब पानी पीते हैं।

Screenshot 20220814 194457 Dainik Bhaskar पुलिस पर पथराव-लाठीचार्ज:मृतक स्टूडेंट के मामा सहित आधा दर्जन घायल, रिश्तेदारों को घर से निकाला jalore news

इंद्र कुमार के पिता देवाराम मेघवाल ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें उसने कहा कि सुराणा गांव में सरस्वती स्कूल में छैल सिंह के पास मेरा लड़का इंद्र कुमार पढ़ने जाता था। उसके मटकी में से पानी पीने पर जातिवाद कर शिक्षक ने कान पर थप्पड़ मारा, जिससे उसके सिर में हेमरेज होकर नाड़ी ब्लॉक हो गई।
इंद्र कुमार के पिता देवाराम मेघवाल ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें उसने कहा कि सुराणा गांव में सरस्वती स्कूल में छैल सिंह के पास मेरा लड़का इंद्र कुमार पढ़ने जाता था। उसके मटकी में से पानी पीने पर जातिवाद कर शिक्षक ने कान पर थप्पड़ मारा, जिससे उसके सिर में हेमरेज होकर नाड़ी ब्लॉक हो गई।
बच्चे की पिटाई के बाद तबीयत बिगड़ने पर उसके पिता देवाराम और स्कूल हेड मास्टर छैल सिंह का ऑडियो भी सामने आया है। इसमें टीचर अपनी गलती मान रहा है और इलाज का खर्च देने की बात कर रहा है। दोनों के बीच बातचीत का मुख्य अंश पढ़िए…

बच्चे का पिता: बच्चे के थप्पड़ से ज्यादा लगी है।

टीचर: ऐसा मुझे ध्यान नहीं रहा, बच्चे ने ज्यादा मस्ती की होगी तो थोड़ा कह दिया होगा।

पिता: कहा तो भले ही, लेकिन इसके लगी हुई ज्यादा है।

टीचर: मैं क्या करूं, इलाज करवा दूंगा और क्या करूं।

पिता: इलाज की बात नहीं है, बच्चे के एक हाथ और एक पैर काम नहीं कर रहा है, मैं डीसा हूं। महादेव की सौगंध (कसम) बच्चा बोल नहीं रहा है।

टीचर: अगर मेरी गलती है तो मैं मानने को तैयार हूं, मैंने जानबूझकर नहीं लगाई।

पिता: आपको ऐसे थप्पड़ से कान पर मारने का अधिकार नहीं है, छड़ी से मार सकते थे, अब डॉक्टर बता रहे हैं कि सिर में नाड़ी ब्लॉक हैं।

टीचर: इतनी तेज मैंने नहीं मारी। पहले से ही बीमार होगा।

पिता: बच्चा बीमार नहीं था, पिछले 3 सालों से आपके पास पढ़ने आ रहा है।

टीचर: बिल्कुल आ रहा है।

पिता: तो अब आप ऐसे करोगे तो कैसे चलेगा। अब तक 50-60 हजार रुपए के नीचे आया हूं। भगवान की कसम में झूठ नहीं बोल रहा हूं।

टीचर: मैं खर्चा देने को तैयार हूं, लेकिन मैंने इतना तेज मारा नहीं, जिससे कि दर्द हो।

पिता: वो तो डॉक्टर कहेंगे वो काम आएगा, आपके कहने से नहीं।

टीचर: वो तो सही है लेकिन इतना तेज नहीं मारा जैसे छड़ी से मारो तो पता चले।

पिता: बच्चा छोटा है तो कान पर मारी होगी, तो लग गई। अब डॉक्टर कह रहे हैं कि नाड़ी ब्लॉक हो गई हैं, अब 5 दिन भर्ती रहने का बोला है।

टीचर: भाई, मैं खर्चा देने को तैयार हूं और तो क्या करूं।

पिता: अब खर्चा तो, बच्चा बोल जाए तो अच्छी बात है, डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन होगा।

टीचर: यह मैंने जानबूझकर नहीं किया, मैं ऑपरेशन का खर्चा देने को तैयार हूं।

पिता: मारसा (टीचर) को मारने का अधिकार है लेकिन ऐसे नहीं।

टीचर: अधिकार है, लेकिन, सुनो मैं पूरी स्कूल संभाल रहा हूं। अगर ज्यादा मस्ती की होगी तो कहा होगा और यह गलती है तो मैं मानने को तैयार हूं।

पिता: अगर गलती करे तो टीचर ऐसे नहीं मारते।

टीचर: मुझे भी ध्यान रहा नहीं, इतना नहीं हुआ होगा देवजी।

पिता: नहीं, नहीं मैं नहीं कह रहा हूं, डॉक्टर कह रहे हैं। आपका और मेरा कहना चलेगा नहीं। डॉक्टर कहेगा कि लगी हुई है या नहीं, वह काम आएगा।

टीचर: मैं खर्चा देने के लिए तैयार हूं।

इसके अलावा बच्चे के पिता ने एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें उसने कहा कि सुराणा गांव में सरस्वती स्कूल में छैल सिंह के पास मेरा लड़का इंद्र कुमार पढ़ने जाता था। उसके मटकी में से पानी पीने पर जातिवाद कर शिक्षक ने कान पर थप्पड़ मारा, जिससे उसके सिर में हेमरेज होकर नाड़ी ब्लॉक हो गई।

पिता ने कहा- मैं बच्चे को लेकर डीसा, पालनपुर, उदयपुर सब जगह घूमा। बाद में मैंने उसको अहमदाबाद में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। मैं रविवार सुबह जालोर के सायला आऊंगा। सब भीम आर्मी, भीम सेना सब पधारना और मुझे न्याय दिलाना।

दलित स्टूडेंट की जमकर पिटाई, नस फटने से मौत:9 साल के बच्चे ने टीचर की मटकी को छुआ था: आरोपी हिरासत में

सुराणा में शिक्षक के मारपीट से छात्र की मौत मामला, 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद

जालोर.
सायला उपखंड क्षेत्र के सुराणा की निजी स्कूल में पढ़ रहे छात्र के साथ मारपीट के बाद मौत हो जाने से तनाव की स्थिति बन गई है। घटना के बाद कानून व्यवस्था बनी रहे इसको लेकर जिला प्रशासन ने आगामी 24 घंटे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। वहीं रविवार सुबह जिला कलेक्टर निशांत जैन, एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला भी मौके पर पहुंचे हैं। जानकारी के अनुसार 20 जुलाई को सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ रहे इन्द्र कुमार के साथ हेड मास्टर छैल सिंह ने मारपीट की थी, शनिवार को उपचार के दौरान मौत हो गई थी।

आज आएगा शव गांव

तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र इन्द्र कुमार ने अहमदाबाद में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। रविवार दोपहर को मृतक का शव सुराणा लाया जाएगा। इधर, इस मामले में शिक्षक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

आरोपी शिक्षक व मृत छात्र के पिता के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल, मारपीट की बात भी कबूल रहा

दलित छात्र ने मटके से पिया पानी तो टीचर ने बेरहमी से पीटा, कान की नस फटने से मौत

छुआछूत ने ली दलित छात्र की जान:9 साल के बच्चे ने मटकी छू ली तो टीचर ने बेरहमी से पीटा, कान की नस फटने से मौत

जालोर टीचर की पिटाई से शनिवार को 9 साल के स्टूडेंट की मौत हो गई। पिछले करीब 25 दिन से बच्चे का अहमदाबाद में इलाज चल रहा था। इससे पहले उदयपुर में भी इलाज चला था। घटना जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव की है। प्रारंभिक तौर में सामने आया है कि 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के स्टूडेंट इंद्र मेघवाल ने मटका छू लिया था। परिजनों का आरोप है कि इस पर स्कूल में तैनात टीचर छैल सिंह ने इतनी पिटाई की थी कि उसकी हालत गंभीर हो गई।

बच्चे के पिता देवाराम ने बताया कि पिटाई के बाद बच्चे की तबीयत खराब होने लगी तो उसे जालोर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए। यहां से उसी दिन उदयपुर रेफर कर दिया गया था। यहां भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो कुछ दिनों बाद अहमदाबाद ले गए थे। इस बीच शनिवार दोपहर इलाज के दौरान मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पिटाई के दौरान बच्चे के कान की नस फट गई थी। मौत के बाद शनिवार शाम टीचर छैल सिंह को सायला पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पिता का आरोप है कि थप्पड़ मारने के बाद बेटे की स्थिति गंभीर हो गई थी।

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मटके से पानी पीते ही खौल गया टीचर का गुस्सा

पीड़ित के चाचा का आरोप है कि टीचर छैलसिंह ने दुर्भावना से बच्चे को पीटा. अगर उसके साथ इस कदर मारपीट नहीं की जाती, तो उसकी जान नहीं जाती. साथ ही कहा गया है कि बच्चे का परिवार उसके इलाज में व्यस्त था, इसीलिए रिपोर्ट दर्ज कराने में देरी हुई है. सिर्फ दलित होने की वजह से मासूम की पिटाई की गई. दलित होकर मटके को हाथ लगाना टीचर को इतना नागवार गुजरा कि उसने पीट-पीटकर तीसरी क्लास के बच्चे की जान ले ली.

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स्कूल ने बनाई जांच कमेटी

बच्चा सुराणा गांव के ही सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ता था। इस मामले के बाद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की ओर से जांच कमेटी बनाई गई है। आदेश में बताया कि सरस्वती विद्या मंदिर सुराना में एक बच्चे की पिटाई का मामला सामने आया है। पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) अशोक कुमार दवे और प्रतापराम को जांच सौंपी है। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला और सीओ हिम्मत सिंह मौके पर पहुंचे। मामले की जांच जालोर सीओ हिम्मत सिंह चारण को सौंपी है।

एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज

मर्डर और एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी को डिटेन कर लिया है। पानी वाली बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है। स्कूल के अन्य टीचर्स जो एससी हैं उन्होंने इस बात की पुष्टि की है स्कूल में पानी की एक बड़ी टंकी है, जिसमें नल लगा हुआ है। सभी लोग उसी से पानी पीते हैं।
हर्षवर्धन अग्रवाल, एसपी, जालोर

ढाई घंटे रेस्क्यू कर बाहर निकाला, खारी नदी में कार बहने से 14 लोगों की अटकी जान

जालोर जिले में पिछले 2 दिन से बारिश का दौर जारी रहने से खारी नदी में रामदेवरा जाने वाले 14 जातरू गाड़ी सहित फंस गए।

जालोर जिले में पिछले 2 दिन से बारिश का दौर जारी रहने से खारी नदी में उफान आ गया। इससे शनिवार सुबह रामदेवरा जाने वाले 14 जातरू गाड़ी सहित खारी नदी में फंस गए। पुलिस और ग्रामीणों ने ढाई घंटे रेस्क्यू कर उनको बाहर निकाला। इसके बाद जातरू रामसापीर के जयकारे लगाते हुए रुणिचा के लिए रवाना हो गए।

सियाना पुलिस चौकी के सहायक उपनिरीक्षक भूराराम ने बताया कि सिरोही जिले से 14 पैदल रामदेवरा जातरुओं का जत्था शुक्रवार देर रात सियाना गांव में पहुंचा। यह दल सियाना की सुकड़ी नदी को पारकर देवदा गांव से जालोर होकर जाने के लिए निकला था। शनिवार सुबह सियाना के देवदा मार्ग पर खारी नदी का पानी उफान पर आने से 14 जातरू गाड़ी सहित फंस गए। पानी के तेज बहाव को देखकर कुछ जातरू देवदा की तरफ जान बचाकर भाग गए, लेकिन चार-पांच के मारुति वैन में फंस जाने की सूचना पाकर सियाना पुलिस चौकी के सहायक उपनिरीक्षक भूराराम, हेड कॉन्स्टेबल राजाराम, कॉन्स्टेबल रामनिवास जाट, बबलू मीना ने मौके पर घटनास्थल का जायजा लेकर इसकी सूचना बागरा थानाधिकारी तेजूसिंह राठौड़ मय जाप्ते ने लोहे का तार और रस्सी की सहायता से करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद ट्रैक्टरों की सहायता बाहर निकाला गया।

पुलिस ने की नाकाबंदी

चांदना भेटाला मुख्य मार्ग पर स्थित खारी नदी में शनिवार तड़के उफान पर चलने से सियाना पुलिस ने मार्ग पर कांटे डालकर मार्ग को बंद कर दिया, जिससे कोई जनहानि नहीं हो सके। इस दौरान कांतिलाल राजपुरोहित, चेलाराम सरगरा, जयंतीलाल हरिजन, मुकेश मेघवाल, मकाराम, कल्याण सिंह, लुंबा राम, शंकर, थानाराम समेत कई ग्रामीण मौजूद थे।

नदी-नाले उफान पर

शुक्रवार देर रात को झमाझम बरसात के बाद सियाना आकोली का विरोली नाला, उनला नाला, कानदर रायपुरिया की आती नदी, सिवना, सुमेरगढ़ खेड़ा की बांडी नदी, चांदना के कटकेश्वर महादेव नाला समेत कई नाले उफान पर रहे। इससे तालाबों में पानी की तेज आवक हुई। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 13 से 17 अगस्त तक जिले में मध्यम बारिश रहने की संभावना है। कई जगहों पर भारी बारिश की भी चेतावनी दी गई है। बागरा थानाधिकारी तेज सिंह ने बताया कि 2017 में इसी जगह पर जालोर पुलिस विभाग की भी गाड़ी बह गई थी। गनीमत रही कि समय रहते सकुशल बाहर निकाल दिया गया था।

शरारत नाकाम; भगवा ध्वज को 1 घंटे में दोबारा लगाया, होमगार्ड समेत 3 गिरफ्तार

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पुलिस ने हिंदू संगठनों से समझाइश की, चौराहे पर 50 जवानों का जाप्ता रहा

जालोर शहर में शुक्रवार को माहौल बिगाड़ने की शरारत को पुलिस ने नाकाम कर दिया। अस्पताल चौराहा पर लंबे समय से लगे भगवा ध्वज को शुक्रवार सुबह कुछ लोगों ने हटा दिया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक होमगार्ड किले की घाटी निवासी अरमान खां पुत्र रमजान खां हब्सी सहित अस्पताल चौराहा निवासी मंसूर अहमद पुत्र असगर खां और उसके बेटे मोहम्मद असलम मोयला को गिरफ्तार कर लिया। यह ध्वज कई वर्षों से लगा था। इस पुलिसकर्मियों व अन्य लोगों ने अरमान को तत्काल पकड़ लिया। हिंदू संगठनों ने मामले को लेकर कोतवाली पुलिस थाने पहुंच रिपोर्ट दर्ज करवाई।

तनाव बढ़ने से पहले शांति की अपील कर ध्वज वापस लगाया

एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला तत्काल कोतवाली थाने पहुंच गए। डीएसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ते को भी शहर में तैनात कर दिया। जिसके बाद हिंदू संगठन के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल चौराहे पर वापस भगवा झंडा लहरा दिया। एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने भी किसी तरह से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। भगवा ध्वज हटाने को लेकर एक बार तो हिंदू संगठन आक्रोशित हो गए थे, लेकिन समझाइश से मान गए।

पातालेश्वर महादेव के प्रसाद में चढ़ाते हैं अफीम:मंदिर को गजनवी ने सोमनाथ समझकर लूटा, अलाउद्दीन खिलजी ने तुड़वाया

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जालोर के सेवाड़ा में स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का विशेष केंद्र रहा है। इस मंदिर को गजनवी ने सोमनाथ का मंदिर समझकर लूटा तो अलाउद्दीन ने तत्कालीन राजा से नाराज होकर इसको तुड़वा दिया। इसके बाद 11 वर्ष तक चले रिनोवेशन कार्य के बाद 2016 में फिर मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। आज राजस्थान के साथ ही गुजरात से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में आते हैं। यहां प्रसाद में महादेव को नारियल के साथ अफीम भी चढ़ाई जाती है।

महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर को लूटने के लिए जब भारत पर आक्रमण किया तो वह जालोर से होकर गुजरात जा रहा था। उसने सेवाड़ा के पातालेश्वर महादेव मंदिर को ही सोमनाथ मंदिर समझकर लूट लिया। जब उसे पता लगा सोमनाथ मंदिर तो आगे है वह अपनी सेना के साथ सोमनाथ मंदिर गुजरात के लिए रवाना हुआ। वहीं, अलाउद्दीन खिलजी ने अपनी पुत्री का विवाह जालोर के युवराज वीरमदेव से करना चाहा परन्तु वीरमदेव के शादी से इनकार करने पर खिलजी ने क्रोधित होकर जालोर जिले के सारे मंदिरों को तुड़वा दिया। इनमें पातालेश्वर मंदिर सिवाड़ा, सत्यपुर मंदिर सांचौर, सिधेश्वर मंदिर और दक्षिणायानी मंदिर सहित कई मंदिरों को तोड़ दिया।

पातालेश्वर मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 606 से पूर्व का हुआ है, जिसका निर्माण कन्नौज के राजा हर्षवर्धन के द्वारा करवाया गया था। इसके पीछे इतिहास है कि कन्नौज के राजा प्रतिवर्ष गुजरात के सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाते थे। वे एक महीने के लिए वहीं रहते थे। तब राजा हर्षवर्धन ने पूजा करते हुए कहा कि हे प्रभु हर वर्ष मुझे यहां आना पड़ता हैं, अतः आप कन्नौज पधारो। तब महादेव ने प्रसन्न होकर एक शिवलिंग प्रदान किया और कहा कि इसे कन्नौज ले जा, परन्तु याद रहे बीच रास्ते में इसे जमीन पर मत रखना। सोमनाथ से राजा हर्षवर्धन शिवलिंग लेकर रवाना हुए और जब सिवाड़ा पहुंचे तो रात हो गई। तभी रात्रि विश्राम के समय शिवलिंग को अपनी गोद में रखकर सो गए, लेकिन जब वह उठे तो शिवलिंग जमीन पर था। जब उन्होंने इसे उठाने की कोशिश की तो वे उठा नहीं पाए। शिवलिंग के आसपास से जमीन हटाने पर भी उसका तल नहीं आया तभी उन्होंने महादेव से कहा कि हे…प्रभु आप तो पाताल में समा गए। तभी से इसका नाम पातालेश्वर हो गया। इसके बाद राजा हर्षवर्धन ने सोमनाथ जैसा ही मंदिर सिवाड़ा में बनवाया।

मंदिर के रिनोवेशन का काम 2005 में शुरू होने के बाद करीब 11 वर्ष में पूरा होने पर 2016 में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
मंदिर के रिनोवेशन का काम 2005 में शुरू होने के बाद करीब 11 वर्ष में पूरा होने पर 2016 में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई।

2016 में हुई मंदिर की प्रतिष्ठा
2005 में मंदिर के रिनोवेशन के लिए ग्रामीणों और दानदाताओं ने सहयोग शुरू किया। जालोर के पीर शांतिनाथ महाराज ने मंदिर के रिनोवेशन कार्य का मुहूर्त किया गया। रिनोवेशन का काम करीब 11 वर्ष तक चला और उसके बाद में 2016 में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आयोजित हुई। मंदिर निर्माण के दौरान दीवारों पर रामायण, महाभारत की महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्रण किया गया है।

मंदिर परिक्षेत्र में आज भी खुदाई में मिलती हैं दुर्लभ मूर्तियां
इतिहास के अनुसार मुगलों ने भव्य पातालेश्वर महादेव मंदिर को तुड़वाया था। इस प्रकार के 152 मंदिर यहां हुआ करते थे। आज भी 2 मंदिर के अवशेष मौजूद हैं। जिस पर शिलालेख मौजूद है, जो उस समय की स्थिति से अवगत करवाता है। आज भी मंदिर परिसर में खुदाई पर विभिन्न प्रकार की हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलती हैं। लास्ट खुदाई 2015 में एक भवन की नींव के लिए खुदाई के दौरान भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा की 10 फुट लबी मूर्तियां मिली। तत्कालीन जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने संरक्षण में लेकर देवस्थान विभाग के दिशा निर्देश में रखवाया। गांव वालों के अनुसार अब तक दर्जनों ऐसी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मूर्ति मिल चुकी हैं।

जालोर के सेवाड़ा में स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का विशेष केंद्र रहा है।
जालोर के सेवाड़ा में स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का विशेष केंद्र रहा है।

गुजरात बॉर्डर से महज 9KM दूर है मंदिर
पातालेश्वर महादेव मंदिर सेवाड़ा गुजरात बॉर्डर से महज 9 किलोमीटर दूर है, जिससे गुजरात के भी हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। ऐसे में यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में सावन के महीने में भारी भीड़ रहती है। सावन के सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु महादेव के दर्शन करने पहुंचते हैं और खुशहाली की कामना करते हैं। साथ ही कई लोग नारियल के साथ-साथ अफीम का भी भोग लगाते हैं।

Sarkari Job 7 सरकारी डिपार्टमेंट्स में 15 हजार : वैकेंसी रेलवे, सचिवालय, SAI, शिक्षा विभाग, CHO में अगस्त तक आवेदन

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राजस्थान सहित देश के कई सरकारी डिपार्टमेंट में 15,000 से ज्यादा पदों पर वैकेंसी निकली है। जिसके लिए 10वीं पास से लेकर ग्रेजुएट कैंडिडेट्स सितंबर तक अप्लाई कर सकेंगे।

इनमें राजस्थान हाईकोर्ट में 2756, IBPS में 6432, हेल्थ डिपार्टमेंट में 5505 पदों, शिक्षा विभाग में 461, इंटेलिजेंस ब्यूरो में 766, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 152 और भारत तिब्बत सीमा पुलिस में 108 पदों पर भर्तियां की जाएंगी।

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राजस्थान हाईकोर्ट में 2756 पदों पर बंपर वैकेंसी निकली है। जिसके तहत राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी, तालुका कानूनी सेवा समितियों, लोक अदालत सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालय और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, जूनियर न्यायिक सहायक (JJA), जूनियर असिस्टेंट (JA) और क्लर्क ग्रेड II के पदों पर भर्तियां की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए ग्रेजुएट कैंडिडेट 23 सितम्बर तक अप्लाई कर सकते है।

कुल पदों की संख्या

  • जूनियर न्यायिक सहायक (राजस्थान उच्च न्यायालय) – 320
  • क्लर्क ग्रेड II (राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी) – 04
  • जूनियर असिस्टेंट (राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) – 18
  • क्लर्क ग्रेड II (नॉन टीएसपी) जिला न्यायालय – 1985
  • क्लर्क ग्रेड II (टीएसपी) जिला न्यायालय – 69
  • जूनियर असिस्टेंट गैर टीएसपी (तालुका कानूनी सेवा समितियों और लोक अदालत सहित जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण) – 343
  • जूनियर असिस्टेंट टीएसपी (तालुका कानूनी सेवा समितियों और लोक अदालत सहित जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण) – 17

योग्यता
भारत में कानून द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान से किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना चाहिए। इसके साथ ही कंप्यूटर का नॉलेज भी होना चाहिए।
सैलरी
सिलेक्ट होने पर कैंडिडेट्स को हर महीने 20 हजार 800 रुपए से लेकर 65 हजार 900 रुपए तक सैलरी दी जाएगी।

आयु सीमा
राजस्थान हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती 2022 में शामिल होने के लिए कैंडिडेट की न्यूनतम आयु सीमा में 18 साल से 40 साल के बीच होनी चाहिए। इस भर्ती में आवेदन करने जा रहे कैंडिडेट्स की आयु की गणना 01 जनवरी 2022 को आधार मानकर की जाएगी। इसके साथ ही जो कैंडिडेट्स आरक्षित वर्गों से संबंध रखते हैं। उन्हें ऊपरी आयु सीमा में छूट सरकार के नियमों के अनुसार दी जाने वाली है।

फीस
राजस्थान हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती 2022 के लिए सामान्य वर्ग / अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमीलेयर श्रेणी) / अति पिछड़ा वर्ग (क्रीमीलेयर श्रेणी)/अन्य राज्य के कैंडिडेट्स से 500 रुपए।

राजस्थान राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग (नॉन क्रीमीलेयर श्रेणी) / अति पिछड़ा वर्ग (नॉन क्रीमीलेयर श्रेणी)/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कैंडिडेट्स से 400 रुपए। जबकि राजस्थान राज्य के अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के आवेदक/ दिव्यांगजन कैंडिडेट्स से 350 रुपए फीस वसूली जाएगी।

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बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) ने सरकारी बैंकों में PO के 6432 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिसके लिए 20 साल से 30 साल तक के कैंडिडेट्स IBPS की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.ibps.in/ पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।

IBPS परीक्षा कैलेंडर 2022 के मुताबिक PO भर्ती परीक्षा अक्टूबर 2022 में आयोजित की जाएगी। आईबीपीएस PO भर्ती प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट को मेन्स एग्जाम के लिए बुलाया जाएगा। मेन्स एग्जाम का आयोजन नवंबर 2022 में होगा।

आयु सीमा
PO के पदों पर अप्लाई करने के लिए जनरल कैंडिडेट की आयु 20 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए। रिजर्व कैटेगरी के कैंडिडेट को आयु सीमा में नियमानुसार छूट दी जाएगी। जहां तक आयु की गणना का सवाल है तो उसे 1 अगस्त 2022 के अनुसार के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

योग्यता
आवेदन करने के लिए कैंडिडेट्स के पास सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। इसके साथ ही कंप्यूटर सिस्टम ऑपरेशन की बेसिक जानकारी भी होनी चाहिए।

ऐसे करें अप्लाई

ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए क्लिक करें

  • सबसे पहले आईबीपीएस की आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर जाएं।
  • होम पेज पर ‘Click here to apply online for common recruitment
  • process पर क्लिक करें।
  • अब न्यू रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन करें।
  • इसके बाद वापस पेज पर जाकर रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड सबमिट कर लॉग इन करें।
  • अब अपना एप्लिकेशन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फीस जमा करें।
  • आपका फॉर्म जमा हो जाएगा, इसका प्रिंट आउट लेकर अपने पास रख लें।
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नेशनल हेल्थ मिशन ने कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) के 5505 पदों पर वैकेंसी निकली है। जिसके लिए GNM, B.Sc नर्सिंग या पोस्ट बेसिक B.Sc कर चुके कैंडिडेट्स अप्लाई 9 अगस्त तक ऑफिशियल वेबसाइट upnrhm.gov.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।

योग्यता एवं आयु सीमा

GNM या B.Sc नर्सिंग या पोस्ट बेसिक B.Sc वाले 20 से 35 साल तक की उम्र के कैंडिडेट्स भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते है।

4 महीने की ट्रेनिंग, फिर पोस्टिंग

एनएचएम यूपी द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, कैंडिडेट्स को पहले 4 महीने का सर्टिफिकेट ट्रेनिंग कोर्स यानी सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ फॉर नर्स (CCHN) कोर्स पूरा करना होगा। इसके बाद, कैंडिडेट्सको सब-हेल्थ सेंटर्स और वेलनेस सेंटर्स (HWCs) में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिस पद पर नियुक्त किया जाएगा।

वैकेंसी डिटेल्स

  • अनारक्षित वर्ग – 2202 पद
  • ईडब्ल्यूएस- 550 पद
  • ओबीसी – 1486 पद
  • अनुसूचित जाति – 1157 पद
  • एसटी – 110 पद

रिटन टेस्ट से होगा सिलेक्शन

एनएचएम के इन पदों पर कैंडिडेट्स का सेलेक्शन रिटन टेस्ट के माध्यम से होगा। जो सीबीटी यानी कंप्यूटर मोड में आयोजित होगी। इन पदों के लिए कैंडिडेट्स को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना है। अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन जरूर देखें।

ऑफिशियल नोटिफिकेशन के लिए क्लिक करें

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राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से माध्यमिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक (सीनियर PTI) के कुल 461 पदों पर भर्ती निकाली गई है। केंडिडेट्स ऑनलाइन आवेदन 15 जुलाई से कर सकेंगे। लास्ट डेट 13 अगस्त 2022 की रात्रि 12 बजे तक है। 18 से 40 साल के युवक (एक जनवरी 2023 तक) इसके लिए अप्लाई कर पाएंगे।

कैंडीडेट का सिलेक्शन एग्जाम के माध्यम से होगा। सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप में होंगे। एग्जाम सेंटर व डेट के बारे में बाद में अवगत कराया जाएगा। आयोग सचिव एच.एल अटल ने बताया कि वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन-पत्र भरने से पूर्व अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट https://rpsc.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन-पत्र भरने के सम्बन्ध में दिए गए निर्देश को अच्छी तरह पढ़ लें।

ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन

ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कैंडीडेट को आयोग के ऑनलाइन पोर्टल https://rpsc.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध अप्लाई ऑनलाइन लिंक को क्लिक या एस.एस.ओ. पोर्टल https://sso.rajasthan.gov.in से लॉगिन करना होगा। सीटिजन ऐप ( G2C) में उपलब्ध रिक्रूटमेंट पोर्टल का चयन कर वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) करना होगा।

पहली बार वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) करने के लिए अभ्यर्थी के नाम, पिता के नाम, जन्म तिथि, लिंग, सेकेंडरी / समकक्ष परीक्षा एवं आधार कार्ड / पैन कार्ड / वोटर कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस आई. डी. में से किसी एक आई.डी. प्रूफ की डीटेल भरनी होगी।

साथ ही डॉक्यूमेंट अपलोड करने अनिवार्य होंगे। कैंडीडेट को परीक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद वेब साइट पर ऑनलाइन पेमेंट करना होगा। एप्लिकेशन आईडी जनरेट करनी होगी।

बाद में संशोधन सम्भव नहीं होगा

कैंडीडेट द्वारा वन टाइम रजिस्ट्रेशन करने के बाद ओटीआर प्रोफाइल में स्वयं के नाम, पिता के नाम, जन्म तिथि, लिंग, सेकेंडरी / समकक्ष परीक्षा का विवरण एवं आधार कार्ड / पैन कार्ड / वोटर कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस आई.डी. विवरण में किसी भी प्रकार का संशोधन किया जाना संभव नहीं होगा।

यह रहेगा परीक्षा शुल्क

  • सामान्य (अनारक्षित) वर्ग एवं राजस्थान के क्रीमीलेयर श्रेणी के अन्य पिछड़ा वर्ग /अति पिछड़ा वर्ग के आवेदक के लिए 350 रुपए
  • राजस्थान के नॉन क्रीमीलेयर श्रेणी के अन्य पिछड़ा वर्ग/अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए के लिए 250 रुपए
  • निःशक्तजन, राजस्थान की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग तथा जिनकी पारिवारिक आय 2.50 लाख से कम है, के आवेदक के लिए 150 रुपए
  • टी.एस.पी क्षेत्र के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति एवं बारां जिले की समस्त तहसीलों के सहरिया आदिम जाति के आवेदक के लिए 150 रुपए

यहां करें कॉन्टैक्ट

किसी भी प्रकार के मार्गदर्शन/सूचना/स्पष्टीकरण के लिए राजस्थान लोक सेवादआयोग, अजमेर के परिसर स्थित स्वागत कक्ष पर व्यक्तिगत रूप से अथवा दूरभाष संख्या- 0145-2635212 एवं 0145-2635200 पर सम्पर्क किया जा सकता है। सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर के नाम लैटर भी भे सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए यहां करें क्लिक

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भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) में 152 पदों पर जूनियर एग्जीक्यूटिव की भर्ती निकली हैं। जिसके लिए ग्रेजुएट कैंडिडेट्स 8 अगस्त तक BPCL की 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। जिसके तहत जूनियर एग्जीक्यूटिव पदों पर ग्रेजुएट कैंडिडेट्स उम्मीदवारों की भर्ती होगी।

सिलेक्शन प्रोसेस
उम्मीदवारों का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर होगा। जो आपके सर्टिफिकेट, कंप्यूटर बेस्ड लिखित परीक्षा, स्किल टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर तैयार की जाएगी।

सैलरी
सिलेक्शन के बाद कैंडिडेट्स को हर महीने 30,000 रुपए से लेकर 1 लाख 20 हजार रुपए तक सैलरी दी जाएगी।

फीस
आवेदन करने के लिए जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को 500 रुपये आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। वहीं एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को किसी प्रकार के भुगतान की जरूरत नहीं होगी।

योग्यता
152 पदों के लिए ग्रेजुएट (इंजीनियरिंग), सीए और सीएमए की योग्यता वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।

आयु सीमा
जूनियर एग्जीक्यूटिव (ऑपरेशन) पद के लिए आवेदन की तय आयु सीमा ग्रेजुएट के लिए 30 साल और डिप्लोमा इंजीनियर के लिए 32 साल है। वहीं जूनियर एग्जीक्यूटिव (अकाउंटस्) पद पर आवेदन करने की तय आयु सीमा 30 से 35 साल है।

ऑफिशियल नोटिफिकेशन

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गृह मंत्रालय के इंटेलिजेंस ब्यूरो ने ग्रुप B और C के 766 पदों पर वैकेंसी निकली है। जिसके तहत एग्जीक्यूटिव, असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर II एग्जीक्यूटिव, जूनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर II, हलवाई कम कुक और केयरटेकर जैसे पदों पर भर्ती होगी। जिसके लिए 56 साल तक की उम्र के कैंडिडेट्स 19 अगस्त तक अप्लाई कर सकते है।

वैकेंसी डिटेल्स

पद का नामपदों की संख्या

असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर I 70
असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर II 350
जूनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर I 50
जूनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर II 100
सिक्योरिटी असिस्टेंट 100
जूनियर इंटेलिजेंस (ऑफिसर मोटर ट्रांसपोर्ट) I 20
जूनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर ( मोटर ट्रांसपोर्ट) II 35
सिक्योरिटी असिस्टेंट ( मोटर ट्रांसपोर्ट) 20
हलवाई-कम-कुक 9
केयरटेकर 5
जूनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर (टेक्निकल) 7

योग्यता

वे ऑफिसर्स आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने पिछले डेप्यूटेशन के बाद तीन साल का कूलिंग पीरियड पूरा कर लिया है। साथ ही एक से अधिक डेप्यूटेशन पर नहीं गए हों।

ऐसे करें आवेदन

कैंडिडेट्स को आवेदन ऑफलाइन मोड से करना होगा। जिन्होंने पिछले डेप्यूटेशन के बाद 3 साल की कूलिंग-ऑफ अवधि पूरी कर ली होगी और जिन्होंने 1 से ज्यादा डेप्यूटेशन ना किया हो, वह इस पते पर आवेदन करें- सहायक निदेशक/जी-3, इंटेलिजेंस ब्यूरो, गृह मंत्रालय, 35 एस पी मार्ग, बापू धाम, नई दिल्ली-110021

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भारतीय सीमा की रक्षा करने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने कांस्टेबल 108 पदों पर भर्ती निकाली है। जिसके लिए 10वीं पास उम्मीदवार आइटीबीपी की ऑफिशल वेबसाइट recruitment.itbpolice.nic.in पर जाकर 17 सितम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। उम्मीदवारों का सिलेक्शन रिटन टेस्ट, ट्रेड टेस्ट, पीईटी, पीएसटी और डिटेल्ड मेडिकल एग्जामिनेशन के के आधार पर किया जाएगा।

योग्यता

कॉन्स्टेबल पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से 10वीं पास का सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। इसके साथ उम्मीदवार के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से आईटीआई का सर्टिफिकेट होना भी आवश्यक है।

सैलरी

भर्ती प्रक्रिया में सिलेक्ट होने पर उम्मीदवार को हर महीने 21 हजार 700 से 69 हजार 100 रुपए तक सैलरी दी जाएगी।

आयु सीमा

उम्मीदवारों की आयु 1 जनवरी 2022 को 18 से कम और 23 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आवेदन शुल्क

उम्मीदवारों को 100 रुपये का भुगतान ऑनलाइन माध्यमों से करना होगा। हालांकि, एससी, एसटी, एक्स-सर्विसमेन और महिला उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क में पूरी छूट दी गई है।