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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने ₹100 करोड़ के स्कैंडल में 4 लोगों को निकाला: नौकरी देने के बदले रिश्वत लेने का आरोप

TCS ने रिश्वत के मामले में 4 अधिकारियों को निकाला, ब्लैकलिस्ट किए गए स्टाफिंग फर्म्स

भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने एक बड़े स्कैंडल के मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की है। इस स्कैंडल में रिश्वत लेने और देने के आरोपों के चलते कंपनी ने चार अधिकारियों को निकाल दिया है। सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों को नौकरी देने के बदले उन्होंने रिश्वत लेने का आरोप लगाया जा रहा है।

कंपनी ने 3 साल में 3 लाख लोगों को दी नौकरी

बताया जा रहा है कि इस स्कैंडल में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पिछले 3 साल में कंट्रैक्टर्स के साथ मिलकर लगभग 3 लाख लोगों को नौकरी दी थी। इसके साथ ही, आरोप लगाए जाने की एक अनुमानित संख्या है कि इन लोगों ने रिश्वत के माध्यम से कम से कम ₹100 करोड़ की कमाई की होगी।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की तरफ से यह स्कैंडल की जांच करने के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के चीफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर अजीत मेनन भी शामिल हैं। यह कमेटी रिश्वत लेने और देने के आरोपों की जांच करने के लिए निष्पक्षता और न्यायिकता के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

रिश्वत लेने और देने के आरोपों का खुलासा

सूत्रों के अनुसार, यह स्कैंडल सामने आने के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने तुरंत कार्रवाई की है। कंपनी ने स्टाफिंग फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया है जिनके साथ इन अधिकारियों ने इस समय काम किया था। इसके अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने ग्लोबल हेड ईएस चक्रवर्ती को भी छुट्टी पर भेज दिया है। इससे यह साफ होता है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने रिश्वत लेने और देने के मामले को गंभीरता से लिया है और कानूनी कार्रवाई के लिए तत्पर है।

कंपनी के संबंधित अधिकारी छुट्टी पर

इस स्कैंडल के बाद, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने अपने रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप (RMG) से 4 सीनियर एग्जीक्यूटिव्स को निकाल दिया है। इन अधिकारियों में ग्लोबल हेड ईएस चक्रवर्ती भी शामिल हैं, जो रिश्वत लेने के आरोपों के चलते चुने गए हैं। इसके अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने उन स्टाफिंग फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया है जिनके साथ ये अधिकारी जुड़े थे।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की प्रतिक्रिया

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने इस मामले के संबंध में बयान जारी किया है। उन्होंने इस मामले की जांच करने के लिए एक आंतरिक कमेटी बनाई है और जांच प्रक्रिया को गंभीरता से लिया है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने दावा किया है कि वे नैतिक मूल्यों के पक्षधर हैं और कंपनी की नीतियों का पालन करने के लिए सख्ती से कार्रवाई करेंगे। वे इस मामले की जांच को अंतिम रूप देने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे।

इस स्कैंडल ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं और कंपनी को इस मुद्दे का गंभीरता से सामना करना होगा। यह घटना भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक सख्त चेतावनी है और सरकार द्वारा अवैध कार्रवाई के खिलाफ और निपटाने के लिए नियमों की पालन करने की आवश्यकता को और भी बढ़ावा देना चाहिए।

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