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जालोर :25 साल बाद जून में बह रही लूणी नदी काटा नेहड़ के 50 गांवों का सांचौर चितलवाना से टूटा संपर्क

परेशानी बारिश थमने के बाद भी गांवों का संपर्क कटा संभावना अभी बाजरा व वार, रबी भी भरपूर होगी

मेरा जालोर न्यूज | जालोर विपरजॉय से हुई बारिश के बाद जून में मरूगंगा नाम से प्रसिद्ध लूणी नदी तेज वेग से बह रही है। अजमेर के पहाड़ों से निकली लूणी 5 दिनों में 500 किमी की दूरी तय करती हुई नेहड़ क्षेत्र में पहुंच गई। यह गांधव पुलिया से होते हुए जालोर जिले के 80 राजस्व गांवों के प्रवाह क्षेत्रों से होते हुए कच्छ के रण में पहुंचती है। लूणी में 1998 के बाद जून में पानी आया है। किसानों को इस पानी से कई फायदे होंगे। इसके पहले 50 गांवों के लिए संकट खड़ा हो गया अधिक गेहूं की फसल बोएंगे। है। इनका सांचौर व चितलवाना दोनों उपखंड क्षेत्रों से संपर्क कट गया है। इन उपखंड क्षेत्रों को जोड़ने वाली तीन सड़कें हैं। इनके ऊपर से पानी बह रहा है।

लूणी में पानी आने से नेहड़ क्षेत्र के लोगों में खुशी है। गीत गाकर स्वागत कर रहे हैं। क्योंकि खरीफ के साथ अब रबी सीजन की अच्छी पैदावार नेहड़ क्षेत्र के किसान ले सकेंगे। खरीफ के दौरान बाजरा, ज्वार व ग्वार भारी मात्रा अभी बाजरा व वार, रबी भी भरपूर होगी

सांचौर व चितलवाना उपखंड क्षेत्रों से नेहड़ का संपर्क कट चुका है। होथीगांव-ठवा, दृढवा-गलीफा व टॉपी से खासरबी से हाडेचा होते हुए सांचौर आने वाली रोड पर लूणी नदी प्रवाह क्षेत्र में बने पुलिया और में होगा। रबी सीजन में किसान सबसे रपट ओवरफ्लो है। इससे वाहनों का आवागमन बंद है।

पानी धीरे-धीरे उतर रहा है। इसी कारण रास्ते जल्द वापस शुरू हो जाएंगे। बाकी पूरे नेहड़ क्षेत्र में डॉक्टरों समेत ग्राम स्तर व उपखंड अधिकारियों को सक्रिय कर दिया है। सुखराम विश्रोई, विधायक राज्यमंत्र

40 हजार की आबादी क्षेत्र में सीएचसी तक नहीं

50 राजस्व गांवों में 40 हजार से अधिक आबादी है। उनका नजदीकी दोनों उपखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क कट चुका है। सबसे बड़ी समस्या वहां चिकित्सा सुविधा पहुंचाने की है। क्षेत्र में केवल जोरादर, सुथड़ी, दूठवा व डूंगरी में पीएचसी सेंटर है। नजदीक में हाड़ेचा एकमात्र सीएचसी है लेकिन वहां जाने का रास्ता नहीं रहा है।

घूमकर आना होगा सांचौर, 40 की जगह 80 किमी हो गई दूरी

नेहड़ क्षेत्र सांचौर से 40 किमी की दूरी पर है। यह रास्ता बंद होने के कारण नेहड़ के लोगों को खेजडियाली होते हुए डूंगरी, सेसावा, गांधव, सिवाड़ा होते हुए 80 किमी की दूरी तय कर सांचौर आना होगा। लूणी में पानी अधिक होने के कारण प्रधान प्रतिनिधि हिन्दू सिंह दूवा नदी में पानी आने के बाद से लगातार लोगों को सतर्क कर रहे और लोगों से अपील कर निचले इलाकों वाले गांवों के लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील कर रहे हैं।

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