Home करिअर AI तो केवल ट्रेलर है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

AI तो केवल ट्रेलर है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

कमाई के लिए होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर चुकी है। AI का इस्तेमाल दवाइयों, मकानों के मूल्य तय करने, कारों की असेम्बली जैसे बहुत कामों के लिए हो रहा है, लेकिन अनूठा कंटेंट बनाने वाला जनरेटिव AI तो बहुत नया है।

यह सोशल मीडिया के बाद सबसे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी बदलाव है। लगभग हर सवाल का जवाब देने वाले चैटजीपीटी और कोई भी इमेज बनाने वाले डाल-ई जैसे टूल से लोग हैरान हैं। इनका इस्तेमाल तेजी से होने लगा है। मिड जर्नी, स्टेबल डिफ्यूसन से लेकर गिटहब का को-पायलट जैसे सैकड़ों आश्चर्यजनक जनरेटिव AI कतार में हैं।

गूगल ने जल्दबाजी में पेश किया बार्ड
प्राइसवाटर हाउस कूपर्स का अनुमान है कि AI से 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 124 लाख करोड़ रुपए से अधिक बढ़ोतरी हो सकती है। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने अपनी कॉरपोरेट रणनीति नई टेक्नोलॉजी पर झोंक दी है। माइक्रोसॉफ्ट ने चैटजीपीटी और डाल-ई बनाने वाली कंपनी ओपन AI में पैसा लगाया है। गूगल ने भी अपना सर्च चैटबॉट बार्ड खासी जल्दबाजी में पेश कर दिया है।

टेक कंपनियों और निवेशकों का ध्यान टेक्नोलॉजी से कमाई पर
अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट ने भी ऐसी ही तेजी से जवाब दिया है। विश्लेषकों ने अपनी योजनाओं में AI का जिक्र करने वाली कम्पनियों के शेयरों को आगे बढ़ाया है और AI में पीछे चल रही कम्पनियों को दंडित किया है, लेकिन यह होड़ विनाशकारी साबित हो सकती है। बड़ी टेक कम्पनियों और निवेशकों का ध्यान टेक्नोलॉजी से मुनाफा कमाने पर ज्यादा है। इसका एक उदाहरण सोशल मीडिया से फैल रही नफरत और झूठी जानकारियां हैं।

2020 के आसपास ट्रैंड में आया AI
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उफान 2020 के आसपास शुरू हुआ था। गूगल, मेटा-फेसबुक और ओपन AI ने AI पर काम तो शुरू कर दिया था, लेकिन कुछ कमजोरियों के कारण वे अपने मॉडल पेश करने में हिचकिचा रही थीं। वैसे जुलाई 2022 तक ओपन AI के डाल-ई के दस लाख से अधिक यूजर हो चुके थे, लेकिन कई AI रिसर्चर ओपन AI और अन्य AI कंपनियों की टेक्नोलॉजी को सिर्फ दूर से देखने और हाथ न लगाने देने की नीति से निराश थे।

अगस्त 2022 में स्टेबिलिटी AI ने डिफ्यूसन नामक टूल पेश किया
अगस्त 2022 में लंदन की नई कम्पनी स्टेबिलिटी AI ने स्टेबल टेक्स्ट और इमेज गढ़ने वाला डिफ्यूसन नामक टूल जनता के लिए पेश कर दिया। स्टेबल जल्द ही इंटरनेट पर चर्चित हो गई। निवेशक नाथन बनाइच कहते हैं, इससे ओपन AI और गूगल स्तब्ध रह गए क्योंकि दुनिया अब तक गोपनीय रहे टूल्स का इस्तेमाल कर सकती थी। फिर ओपन AI ने नवम्बर में डाल-ई 2 और चैटजीपीटी को सार्वजनिक तौर पर रिलीज किया।

सोशल मीडिया पर AI से बनी इमेज की बाढ़ आई
यूजर्स फौरन ही ओपन AI और प्रतिद्वंद्वी कम्पनियों से मुखातिब हो गए। सोशल मीडिया पर AI से बनी इमेज की बाढ़ आ गई। हॉलीवुड की फिल्मों में AI सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू हो गया है। चीनी टेक कम्पनियों बाइडू और अलीबाबा ने अपने चैटबॉट की घोषणा कर दी है।

अधिक सक्षम AGI बनाना कंपनियों का लक्ष्य
ओपन AI सहित कई कम्पनियों का लक्ष्य ऐसी आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) बनाना है, जो मानवों के मुकाबले अधिक सक्षमता से सोच और सीख सके। अगर भविष्य में AI मानवीय निर्देश के बिना स्वयं सुधार की क्षमता विकसित कर लेगी तो उसमें मानवता को खत्म करने की क्षमता पैदा हो जाएगी। 2022 में AI शोधकर्ताओं के एक सर्वे में आधे लोगों ने कहा कि AI के ऐसा विनाश करने की क्षमता 10% या उससे अधिक है।

80 से 120 शोधकर्ता AI में अच्छे बदलाव पर काम कर रहे
इधर कुछ AI लैब्स में कई साइंटिस्ट मानव मूल्यों से जुड़े रहने वाले AI के विकास में भी जुटे हैं। वे सबका भला करने वाले टूल्स डिजाइन कर रहे हैं। AI सुरक्षा संगठन कंजेक्चर ने टाइम को बताया कि लगभग 80 से 120 शोधकर्ता AI में अच्छे बदलाव पर काम कर रहे हैं।

हजारों इंजीनियर AI की क्षमता बढ़ाने में लगे
दूसरी ओर AI के हथियारों की होड़ गर्माने के साथ हजारों इंजीनियर AI की क्षमता बढ़ाने में लगे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है, AI की कंप्यूटेशनल शक्ति हर छह से दस माह में दोगुनी बढ़ती है। यह अकूत ताकत मौजूदा दौर को बहुत रोमांचक बनाने के साथ बेहद खतरनाक भी बनाती है।

नई टेक्नोलॉजी से नुकसान और गलतियों का खुलासा
आगे निकलने की होड़ में नई टेक्नोलॉजी की गलतियां और नुकसान सामने आने लगे हैं। गूगल के चैटबॉट बार्ड ने वेब स्पेस टेलीस्कोप के बारे में गलत जानकारी दी तो उसके शेयरों ने नीचे गोता लगाया। माइक्रोसॉफ्ट के सर्च एंजिन बिंज ने गलत नतीजे दिए हैं।
डीपफेक्स कंपनी की AI से बनी झूठी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल लोगों को प्रताड़ित करने और झूठी सूचनाएं फैलाने में हुआ है। स्टेबिलिटी AI सहित कई कम्पनियों के खिलाफ कलाकारों ने उनकी कृति का उपयोग बिना अनुमति करने के लिए मुकदमे दायर किए हैं।

सर्च इंजिन में इस्तेमाल होने से गड़बड़ी बहुत ज्यादा होगी
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट अपने सर्च इंजिनों में AI को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। AI डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म हगिंग फेस की मुख्य साइंटिस्ट मार्गरेट मिशेल कहती हैं, सर्च इंजिन्स के लिए जनरेटिव AI का इस्तेमाल बहुत अधिक खराब होगा क्योंकि इनसे अक्सर गलती होती है।
अगर सर्च इंजिन AI को शामिल करने में कामयाब हो गए तो विज्ञापन या कारोबार के लिए सर्च पर आधारित कई बिजनेस खत्म हो जाएंगे। मीडिया में कई लोगों को आशंका है कि भविष्य में बड़ी टेक कम्पनियों के चैटबॉट न्यूज वेबसाइट से कंटेंट खींच लेंगे और बदले में कुछ नहीं देंगे।

​Career in Artificial Intelligence: आर्टिफिशल इंटेलिजेंस तेजी से अपनी जगह बना रहा है, ऐसे में आप भी इस फील्ड में एक शानदार करियर बना सकते हैं.

  • मशीन लर्निंग इंजीनियर: मशीन लर्निंग इंजीनियर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के लिए अहम भूमिका निभाते हैं. वे मॉडल डिजाइन और टेस्ट करते हैं जो आपके सिस्टम में सेट अप करने के लिए उपयुक्त होंगे.
  • डेटा साइंटिस्ट: डेटा साइंटिस्ट आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए डेटा का विश्लेषण करते हैं और फिर उससे प्रतिक्रियाओं का निर्माण करते हैं. उन्होंने एक बेहतर समझ बनाने के लिए संख्यात्मक तकनीकों का उपयोग करते हुए इस्तेमाल करते हुए बड़े डेटा सेट्स का उपयोग करते हुए प्रतिक्रियाएं बनाते हैं.
  • नेटवर्क इंजीनियर: नेटवर्क इंजीनियर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टमों को डिजाइन और विकसित करते हैं. वे सुनिश्चित करते हैं कि नेटवर्क उन्हें उच्च दक्षता और त्वरित उत्तर देने में सक्षम हैं.
  • नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग इंजीनियर: नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग इंजीनियर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम में भाषा को समझने के लिए अल्गोरिथ्म डिजाइन करते हैं. इससे आपके सिस्टम में भाषा को समझने और अनुवाद करने के लिए उन्हें अधिक सक्षम बनाया जा सकता है.
  • रोबोटिक प्रोग्रामर: रोबोटिक प्रोग्रामर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के उपयोग से रोबोट को विकसित और प्रोग्राम करते हैं. यह उन्हें सुनिश्चित करता है कि रोबोट उनके सिस्टम में सही ढंग से काम कर रहा है.
  • डीप लर्निंग इंजीनियर: डीप लर्निंग इंजीनियर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम में डीप लर्निंग एल्गोरिथम विकसित करते हैं जो बहुत संगठित डेटा से सीखते हैं.
  • वीजुअल संज्ञानात्मक इंजीनियर: वीजुअल संज्ञानात्मक इंजीनियर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम में गहन लताओं के साथ काम करते हैं और उन्हें आधार और फाइल्मों के लिए संगठित करने में मदद करते हैं.
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