– बाड़मेर के मास्टर माइंड का थर्ड ग्रेड काम : नकल गिरोह चलाने वाला सरकारी शिक्षक भंवरलाल पकड़ा गया, बाड़मेर का ही साथी शिक्षक फरार
डूंगरपुर. रीट भी नकल गिरोह और पैपर आउट गिरोह के निशाने पर है। पुलिस ने गुरुवार को डूंगरपुर में बने एक कॉम्प्लेक्स में दबिश देकर एक सरकारी शिक्षक को 12.17 लाख रुपए नकद, 7.50 लाख रुपए के चेक और एक ब्लैंक चेक समेत रीट प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी बाड़मेर जिले का रहने वाला है। यह बेहद चौकाने वाला है, क्योंकि जिस आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट को पकड़ा गया है, वह सीमलवाड़ा ब्लॉक में ग्रेड थर्ड शिक्षक है। उसके पास में रीट अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड व आधार कार्ड मिले हैं। बाड़मेर के इस आरोपी को जिस भोलेनाथ कॉम्प्लेक्स से पकड़ा गया, वहाँ पर वह किराए के मकान में रहता है। इस कॉम्पलेक्स में एक निजी कॉलेज भी संचालित है और यहां रीट का सेंटर है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि शिक्षक के घर से जो राशि बरामद हुई है वह उसने कई अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के नाम पर ली है। वह डमी अभ्यर्थी बैठाकर पास करने की गारंटी देता है। इस पूरे गिरोह में बाड़मेर जिले के का एक और शिक्षक भी शामिल हैं। फिलहाल उसकी गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। दोनों शिक्षक गिरोह चलाकर उसी अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठाते हैं। आशंका है कि इस गिरोह ने पुलिस भर्ती में भी कई डमी अभ्यर्थियों को बैठाया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हर अभ्यर्थी से 5 लाख रु. भंवरलाल लेता, डमी अभ्यर्थी तय करता था साथी शिक्षक
पूछताछ में पता चला है कि आरोपी शिक्षक डमी अभ्यर्थी बैठाकर रीट में पेपर हल कराने वाला था। डमी अभ्यर्थियों के लिए बाड़मेर से ही कुछ स्टूडेंट्स बुलाए गए थे। शिक्षक के पास से एक ब्लॅक चेक भी मिला है। शिक्षक सब इंस्पेक्टर एग्जाम में भी डमी अभ्यर्थी बैठा चुका है। भवरलाल का काम फर्जी आधार कार्ड तैयार करना था। इस गिरोह के निशाने पर टीएसपी क्षेत्र के अभ्यर्थी थे। भवरलाल अभ्यर्थियों से परीक्षा में दूसरे अभ्यर्थी बैठाकर पास कराने के नाम पर 5-5 लाख रुपए आरोपी शिक्षक लेते थे। किस अभ्यर्थी को भंवरलाल जाट जगह किसी अभ्यर्थी को बैठाना है। यह शिक्षक भवरलाल विश्नोई तय करता था। पुलिस को भंवरलाल के पास खुद की फोटो लगे कई आधार कार्ड भी मिले।
ऐसे आये पकड़ में
एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि डूंगरपुर में बाड़मेर व अन्य जिलों से अभ्यर्थी आने लग गए थे। साइबर सैल को लगातार एक्टिव करके नजर रखी जा रही थी कि की नकल व पेपर लीक गिरोह सक्रिय तो नहीं है। एसओजी से भी शिक्षक की गतिविधियों को इनपुट मिला था। इसके बाद मुखबीर की सूचना पर लोकेशन निकाली और डीएसपी रामेश्वरलाल चौहान को दबिश देने के निर्देश दिए गए।